राजस्थान के माउंटआबू में इन दिनों नवरात्र महोत्सव की धूम है। यहां अर्बुदा देवी मंदिर में नवरात्र महोत्सव के मौके पर मां के दर्शन के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालु मां अर्बुदा देवी मंदिर आ रहे है। मंदिर में रोजाना भजन कीर्तन का आयोजन हो रहा है। माता के दर्शन के लिए कई भक्त लेटकर भी आ रहे है। रोजाना सुबह से लेकर रात तक मां का जयकारा गूंजता रहा है। मां के मंदिर में दीप जलाने और दर्शन करने के लिए भी भक्तों की लंबी कतार देखी जा सकती है। नवरात्र महोत्सव रामनवमी तक चलेगा जो नवरात्र के पहले दिन शुरु हुआ था। नवरात्र के बाद भी मां अर्बुदा की पूजा कई दिनों तक चलती रहती है। इस मौके पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा रहता है। नवरात्र के मौके पर अर्बुदा देवी मंदिर का कोना कोना नवरात्र के रंगों में रंग जाता है और भक्ति की अबाध धारा यहां बहती रहती है। हर श्रद्धालु सुबह से शाम तक भक्ति की अवरिल धारा में बहते है।
गौर हो कि राजस्थान के माउंटआबू का अर्बुदा देवी मंदिर, अधर देवी शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक यहां मां पार्वती के होठ गिरे थे। उसके बाद यह स्थान 51 शक्तिपीठों में शुमार होता है। अर्बुदा देवी की पूजा मां कात्यायनी के रूप में होती है क्योंकि मां अर्बुदा मां कात्यायनी का ही रुप मानी जाती है और देवी दुर्गा के छठे स्वरूप के रुप में इनकी पूजा होती है। अर्बुदा देवी का मंदिर मां कात्यायनी के शक्तिपीठ के रुप में भी जाना जाता है यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में प्रतिष्ठित है। साढ़े पांच हजार साल पहले इस मंदिर की स्थापना हुई थी। मां पार्वती का यहां होठ गिरा था। इसलिए इसका नाम अर्बुदा पड़ा।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब भगवान शंकर ने पार्वती के शरीर के साथ तांडव शुरू किया था तो माता पार्वती के होठ यही गिरे थे। तभी से ये जगह अधर देवी (अधर मतलब होठ) यानी अधर देवी के नाम से प्रसिद्ध है। अर्बुदा देवी की पूजा छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की होती है। अर्बुदा देवी मंदिर तक जाने के लिए 365 सीढ़ियों का रास्ता है । रास्ते में सुंदर नजारों की भरमार है। जिसकी वजह से सीढियां कब खत्म हो जाती हैं पता ही नही चलता। ऊपर पहुंचने के बाद यहां के सुंदर दृश्य और शान्ति मन मोह लेती है और सारी थकान पल भर में ही दूर हो जाती है ।
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में माता के दर्शन मात्र से सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है,श्रद्धालुओं की मुराद पूरी हो जाती है। यही वजह है कि मां का दर्शन नवरात्र के मौके पर करने के लिए श्रद्धालुओँ की भारी भीड़ जमा होती है। माता अर्बुदा देवी का यहां चरण पादुका मंदिर भी स्थित है जो श्रद्धालुओं की आकर्षण का केंद्र होता है। यहां माता अर्बुदा देवी की पादुका है जिसके नीचे उन्होने बासकली राक्षस का संहार किया था। मां कात्यायनी के बासकली वध की कथा पुराणों में भी मिलती है।
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