शिक्षा का स्तर हमारे देश में बढ़ रहा है। लेकिन इस बीच कुछ समाज में ऐसी भी मिसाले में देखने को मिलती है जिनसे हैरानी होती है। माउंटआबू के सदर बाजार के शानी गांव में कुछ ऐसी ही मिसाल देखने को मिली जो उन लोगों के लिए प्रेरणादायी है जो शिक्षा से और लड़कियों को शिक्षित करने से परहेज करते है। इस गांव की 20 साल की लड़की प्रिया भाटी ने अद्भुत मिसाल पेश कर सबको हैरान कर दिया। आज गांव ही नहीं बल्कि पूरा माउंटआबू इस लड़की की वाहवाही कर रहा है।
दरअसल प्रिया भाटी बीएससी सेकेंड ईयर की छात्रा है। इसकी शादी इसकी बड़ी बहन के साथ ही अचानक तय हो गई। लेकिन उसका शादी के दिन ही परीक्षा था। धर्मसकंट की स्थिति जरूर थी लेकिन प्रिया को परिवार का पूरा साथ मिला और वह अपनी शादी वाले दिन ही परीक्षा देने गई। माउंटआबू से आबू रोड की दूरी लगभग 35 किलोमीटर की है यानी लगभग एक घंटे की दूरी। उसका पेपर तीन से लेकर छह बजे था। वह माउंटआबू से आबू रोड गई और परीक्षा देकर आई। लगभग ढाई घंटे की दूरी और 70 किलोमीटर का फासला। वह तीन बजे गई और सात बजे शाम में घर लौटी। फिर एक घंटे में ही एक दुल्हन के रूप मे सजधज कर शादी के मंडप में पहुंच गई। कुछ घंटे तक पहले तक एक परीक्षार्थी लड़की अब एक दुल्हन के रूप में दिख रही थी। शादी के मंडप में हर कोई उसे देखकर हैरान था। यहां तक की 16 अप्रैल को हल्दी चढ़ाने का वैवाहिक रस्म था और वह उस दिन भी पेपर देने गई थी और उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं था। उसने यह तय कर लिया था कि शादी के बीच में वह परीक्षा के पेपर में किसी तरह का बाधा नहीं बनने देगी। और उसने ऐसा कर दिखाया।
दरअसल प्रिया के पिता रघुनाथ सिंह भाटी भी एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं। प्रिया की बड़ी बहन पूजा भाटी उससे दो साल बड़ी हैं जो बैंगलोर के इंफोसिस में नौकरी करती है। यह एक संयोग हुआ कि शादी तो बड़ी बहन की तय हुई थी लेकिन अचानक दोनों की शादी एक दिन तय हो गई। दुल्हन परीक्षा देने के लिए बारात आने से ठीक एक घंटे पहले सजधज कर तैयार हो गई। परीक्षा देकर प्रिया सात बजे आई और जब वह सजधज कर तैयार हो गई तो बारात भी आठ बजे रात में आ गई। राजपूत समाज के सभी लोग प्रिया के जज्बे की तारीफ कर रहे थे। प्रिया का परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है जहां शिक्षा को बेहद सम्मानित नजरों से देखा जाता है और सभी लोग शिक्षा हासिल कर जीवन में एक मकाम हासिल कर दूसरे के लिए मिसाल बनते है।
यह माउंटआबू के शानी गांव के उन लड़कियों के लिए भी मिसाल बन गया जो अपनी लड़कियों को शिक्षिति करने में कतराते है। राजपूत समाज के सभी बड़े बुजुर्गों ने इस अनोखी परीक्षार्थी और दुल्हन को आशीर्वाद दिया। प्रिया के पति देवी सिंह भी एक एचडीएफसी बैंक में कार्यरत है और वह प्रिया के हौसले से बेहद खुश है। वह इस बात को लेकर बेहद खुश है कि उन्हें एक ऐसी जीवन संगिनी मिली है जो जीवन में शिक्षा के महत्व को इस कदर समझती और सम्मान करती है।