जीवन भर साथ रहने का वचन के साथ मेला समपन्न
आबूरोड । आबूरोड के समीप सियावा गांव में में गणगौर मले का आयोजन हुआ। जिले के सबसे बडे आदिवासी मेले का आयोजन सियावा गांव में हुआ जिसमे आदिवासी युवक युवतीयां एक दिन के साथ रहने से जीवन भर साथ रहने का वचन लेते है, इस पूरे क्षेत्र में आदिवासीयो का सबसे बडा व अपने जीवन साथी चुनने का प्राय बन चुके मेले में युवक युवतीयां अपने परिजनो से छुप कर अपने जीवन साथी की तलाश करते है ओर जेसे ही उन्है कोई पसन्द आ जाता है तो वह पुरे दिन साथ रह कर उसके साथ मेले से निकल जाते है और पुरा जीवन उसके साथ रहने का वचन ले लेते है।
मेलेे में अदिवासी लोग भगवान गणगौर की पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना करते है, दो दिन तक चलने वाले इस मेले में रात को आदिवासी लोग अपने पारम्परिक गीतो को गाते है व एक दुसरे के गले में हाथ डालकर नृत्य करते है, अपने पारम्परिक वेश भूषा में युवक व युवतीयां नृत्य कर भगवान गणगौर को रिझाने का प्रयास करते है गणगौर मंदिर के पुजारी मोहन महाराज ने बताया की हमारी आदिवासी बिरादरी में भगवान गणगौर का बडा महत्व है हमारे में जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है तो भगवान गणगौर की पूजा की जाती है। मेले में युवतीया अपने शरीर पर गोदना गुदवाती हे जिनमें भगवान का नाम,जाव जंतु व विभिन्न प्रकार की आकृतियां गुदवाती है।
क्षेत्र का सबसे बडा आदिवासी मेला
प्रधान लालाराम गिरासिया व सरपंच सुश्री लक्ष्मी ने बताया की सिरोही,उदयपुर,गुजरात के क्षेत्र में यह सबसे बडा आदिवासीयो का मेला है जहां पर समाज के लोग श्रद्धा के साथ अपनी मनोकामना के साथ पैदल मेले में आते है जहां पर भगवान गणगौर की पूजा कर अपने परिवार के लिए खुशहाली मांगते है, इसी मेले में युवक युवतीयां अपने जीवन साथी को चुनती है यही पर समाज के पुराने व नये फेसले लिए जाते है पंचायत पारीवारिक व सामाजिक विवादो को निपटाती है।
नृत्य कर क्षेत्र का नाम करते है
मेले में आए अलग अलग क्षेत्र की युवक युवतीयां अपने रंगारंग वेशभूषा में नृत्य कर अपने क्षेत्र की पहचान बताते हे, अलग अलग खेमे व गोत्र से आए यह लोग आपसप में एक दुसरे के समक्ष अपने लोक गीतो पर नाचते है जिनमें की जो भी ग्रुप पहले थक कर नाचना छोड देता हे तो वह सामने वाले ग्रुप की मांग को पूरा करता है कई बार तो दोनो तरफ के लोग इतना नृत्य करते हे की वह एक दूसरे के सामने हार मानने को तैयार ही नही होते है तब वहां के पंचो के द्वारा उनका फैसला किया जाता है।
मेले में आए लोगो ने जम कर लुत्फ उठाया
गाणगौर मेले में आए राजस्थान गुजरात के हजारो की संख्या में आदिवासी क्षेत्र के लोगो ने पहुँच कर मेले में व्यंजनो ,झूलो, अपने पसंदीदा सामानो की जमकर खरीदारी की रात से शुरू हुए इस मेले में हजारो की संख्या में आदिवासी पहँुच कर भगवान के मंदिर में पूजा अर्चना कर मेले में लगे बाजार में अपने व परिवार के लिए सामानो की खरीदारी करते है युवतियां अपने शिंगार के सामान चुडियां, कंगन, बालो में लगाने के लिए चोटी जूडा की खरीदारी करती नजर आई।
शहरी लोग भी लेते हे भाग
यह मेला आदिवासी ही नही क्षेत्र के सामान्य लोग भी इसमें जाते हे शहर के दीलीप सोनी व लक्ष्मण मालवीय ने बताया कि इस क्षेत्र का सबसे बडा मेला हे जो की आदिवासी ही नही बल्की किसी भी प्रकार का यह सबसे बडा मेला है भले ही यह आदिवासीयो का मेला हे लेकिन दिन में शहरी क्षेत्र के लोग भी इस मेले में घुमने का आन्नद लेते है व आदिवासी वेश भूषा व लोक नृत्य का आंनद लेते है।
प्रशासन ने की माकुल व्यवस्था
क्षेत्र के सबसे बडे मेेले में प्रशासन की माकुल व्यवस्था रही सदर थाना अधिकारी भंवरलाल चौधरी ने बताया की इस क्षेत्र का यह सबसे बडा आदिवासी मेला होता है जिसको लेकर पुरा प्रशासन मोजुद रहता हे रात को मेले के शुरू होने के साथ ही ट्राफिक को रोक दिया जाता है सुलिस की गश्त बडा दी जाती है मेले में जगह जगह सुरक्षा के पुरे इंतेजाम किए गए, किसी अनहोनी घटना से निपटने के लिए फायरब्रिगेड, एम्बूलैंस, सहित आपतकालीन दल हरदम मौजुद रहा।
मेले मे युवक पर चाकू से हमला
आबूरोड। सियावा मेले के दौरान चाकूबाजी की घटना में बुधवार को एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया। इस उसे राजकीय चिकित्सालय लाया गया। जहां उसका उपचार शुरु किया गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
सियावा मेले के दौरान रेवदर के दत्ताणी के समीप करजिया निवासी खूमाराम पुत्र भीखा गरासिया पर एक अन्य युवक ने चाकू से वार कर दिए। गंभीर घाव हो गए। उसे राजकीय चिकित्साल लाया गया। सूचना मिलने पर पुलिस चिकित्सालय पहुंची। मामले में तहकीकात की। घायल के साथ चिकित्सालय पहुंचे युवकों से पूछताछ की। युवकों ने मामले के बारे में जानकारी नही होने के बारे मे बताया। गंभीर रूप से घायल युवक को हासलत नाजुक होने पर किया रेफर। पुलिस आरोपीयो कि तलाश मे जुटी।