माउंट आबू के लिए प्रस्तावित, नए मास्टर प्लान के सक्षम स्तर से दुबारा सुधार कर क्रियान्वित होंने की स्थिति में आने तक ।
क्या हो सकता समाधान ?
हाल ही में प्रस्तावित जोनल मास्टर प्लान में जानबूझकर की गई कई त्रुटियों की वजह एवम् कुछ व्यक्ति विशेष को लाभ पहुचाने की नियत से किए गए लचीलेपन की वजह से वाही abutimes.com हुआ जो कि, पूर्व से ही सबको ज्ञात था । आख़िरकार इस लचीलेपन व् त्रुटियों की वजह से ही इस नए जोनल मास्टर प्लान पर न्यायलय अथवा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का दख़ल आवश्यक हो चला था। क्यों abutimes.comकि यह जोनल मास्टर प्लान कुछ भू माफियाओ के राजनैतिक एवम् व्यक्तिगत प्रभाव से चलते जानबूझकर इस प्रकार से बना था कि, इससे माउंट आबू का नैसर्गिक सौन्दर्य तो प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता ही साथ ही माउंट आबू वर्तमान मूल स्वरूपव ही बिगड़ कर किसी बदसूरत व् प्रदूषण युक्त शहर के रूप में परिवर्तित हो जाता ।
कुछ इसी प्रकार की समस्याओं को लेकर के स्थानित पर्यावरण प्रेमी व् समाज सेवी डॉ. अरुण शर्मा द्वारा देश के पर्यावरण सम्बन्धी विषयों के मामलात कोabutimes.com सुनने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में अपनी इसी प्रकार आम जन समस्याओं को लेकर के एक जनहित याचिका आयोग के समक्ष प्रस्तुत की।
राष्ट्रीय हरित आयोग में प्रस्तुत जनहित याचिका में यह अपील की गई कि, जो जोनल मास्टर प्लान स्थानीय नगर पालिका के मादयम से माध्यम से प्रस्तावित रूप abutimes.com में प्रस्तुत हुआ है । वह पूर्व में वर्ष 2002 में माननीय सर्वोच्च न्यायलय के दवारा पहले किसी भी प्रकार के नए निर्माण कार्यो पर पूर्णतया रोक व् बाद में वर्ष 11 जुलाई 2009 को घोषित इको सेंसिटिव जोन के दिशा निर्देशो के अनुरूप नहीं है । यह माउंट आबू के पर्यावरण के हित में तो कतई ही नहीं है,, साथ ही इस प्रस्तावित नए जोनल मास्टर प्लान के पारित होने पर वर्तमान हिल स्टेशन माउंट आबू अपनी हरीतिमा व् नैसर्गिक सोंदर्य खो देगा ।
राष्ट्रीय हरित आयोग ने डॉ. शर्मा की इसी जनहित याचिका को स्वीकार कर प्रस्तावित मौजूदा मास्टर प्लान पर रोक लगा दी |लेकिन मास्टर प्लान रोक लगने से एक बार फिर माउंट आबू में रिपेयरिंग रिनोवेशन abutimes.com को लेकर परेशानिया शुरू हो गई जिसके लिए डॉ. शर्मा से ने 15 मांगों की एक राहत याचिका भी आयोग में प्रस्तुत करने के करने के लिए एक विकल्प चुना है,,जिसमे माउंट आबू के मूल निवासियों abutimes.com के हस्ताक्षर के माध्यम से राष्ट्रीय हरित आयोग में आमजन को राहत देने के लिए अपनी याचिका में आगामी सुनवाई के दिन प्रस्तुत करेंगे ।
पन्द्रह मांगो में से 5 मांगो पर तुंरत प्रभाव से एन जी टी जो राहत चाही गई है । वह 5 मांगे निम्न प्रकार से है ।
1. – मर्मम्मत और रेन वाटर हार्वेस्टिंग ( वर्षा जल का संग्रहण ) की अनुमति ।
घर हो या होटल सभी अपने चार दीवारी भीतर रेनोवेशन की मंजूरी दी जाए अत: रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर बल मिले
2. ज़ी पी एस के माध्य्म से हर महीने प्रशासन यह देखे की कोई नया अतिक्रमण तो शहर में नहीं हुआ है । साथ ही एक तय समय में रिपेयरिंग की छुट सभी को मिल पाएं।
3. किसी भी गेर आबू वासी को माउंट अबू में जमींन खरीदने की अनुमति न दी जाए
4. नक्की झील के पुरे दायरे के बाद आधा किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निमार्ण न हो, झील की तुरंत प्रभाव से सफाई की जाए, एवं झील के आस पास के दायरे में स्वच्छता से कोई समझोता नहीं किया जाए |
5. माउंट आबू के पर्यटन के विकास पर जोर दिया जाए |
यह पांच मुख्य बिंदु है जिन पर हर आबू वासियों से हस्ताक्षर कराये जा रहे है ताकि सभी के हस्ताक्षर के माध्यम से राष्ट्रीय हरित आयोग इन मांगो राहत प्रदान करने की अपील की जाएगी ।
अत: आपने अभी तक इस जनहित याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किये हो तो इस न. पर कॉल करके जानकारी प्राप्त करे 9414909908 |
इस मुद्दे पर आपकी क्या राय व सुझाव है, स्क्रोल कर कमेंट बॉक्स में कमेंट करे ?