माउंट आबू | माउंट आबू एक पर्यटन स्थल है जिसका मतलब हुआ यहा की मुख्य आय का जरिया पर्यटन से ही होता है लेकिन शायद पर्यटन विभाग ने इस बात पर कभी गौर नहीं किया, नहीं तो सिर्फ सिर्फ 3 साल में 10 हज़ार विदेशी पर्यटक abutimes.comकी कमी होना पर्यटन स्थल के द्रष्टिकोण से पेरो तले ज़मीं खिसक ने जैसा है | लगता है राजस्थान के सबसे ऊंचाई पर स्थित होने के वजह से आबू पर्वत सरकार की आंखो में नहीं आ रहा वरना ऐसी तो क्या वजह होगी की पर्यटन स्थल के रूप 33 करोड़ देवी देवताओ का दिया यह वरदानabutimes.com कोई भी सरकार संवारना नहीं चाहेगी |
हाल ही में राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में माउंट आबू में सिर्फ कुछ सालो में विदेशी सेलानियो की आश्चर्यजनक गिरावट चिंता का विष्य है |
2012 -> 11386, 2013 -> 9057, 2014 -> 4376, 2015 -> 1598
राजथान पर्यटन ने कभी माउंट आबू को अपना हिस्सा नहीं माना
अगर कोई यह कहे की राजस्थान पर्यटन विभाग ने माउंट आबू से हमेशा सोतेला व्यवहार किया तो इसमें कोई संदेह नहीं और इस बात की पुष्टि करता है सरकार द्वारा हाल ही में चलाया गया “राजस्थान कुछ ऐसा दिखा” विडियो कैंपेन जिसके अंतर्गतabutimes.com राजस्थान के कई शहर के आकर्षक विडियो बनाये गए जिस पर लाखो व्यूज हुए लेकिन 1220 मी की ऊंचाई पर स्थित यह पर्यटन स्थल सरकार abutimes.comकी आंखो से ओझल हो गया |
सरकार की इस रवैये पर ताजुब करना स्वभाविक
हाल ही में उज्जैन में हुए सिंहस्थ कुम्भ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिद्ध करने के लिए म.प सर्कार से एडी चोट्टी का दम लगा कर उसे एतिहासिक बनाया फिर माउंट आबू अपने आप में ही 33 करोड़abutimes.com देवी देवताओ का स्थान है आवश्यकता है तो इस पर्यटन स्थल की सही दिशा में प्रचार प्रसार की |
ग्रीष्म व शरद महोत्सव का जुमला
कोई यह न कहदे की सरकार ने आबू के लिए कुछ नहीं किया उसके लिए हर वर्ष इन दो कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमे विदेशी या अन्य पर्यटकों को तो छोड़ो आबूरोडabutimes.com में रहने वाले लोगो भी पता नहीं होता |
जिस तरह उदयपुर को विश्व प्रसिद्धी हासिल हुई है, आबू भी उतना ही सक्षम है
राजस्थान भारत के लोकप्रिय राज्य में हमेशा शुमार रहा है, उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर आदि शहरो की बदोलोत आज राजस्थान को सिर्फ भारत ही नहीं पुरे विश्व में जाना जाता है, एक बार सोचिये अगर इन सभी विश्व प्रिसद्ध शहरो में आबू भी शामिल हो जाए तो राजस्थान का पर्यटन कैसी उछाल मारेगा |
इन बातो पर अगर दे ध्यान
– ट्राफिक मैनेजमेंट, ऑनलाइन प्रमोशन, ब्रांड एम्बेसडर, टी.वि एड, हर वर्ष एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर प्रोग्राम, फिल्म शूटिंग के लिए सुविधाए व विभाग, स्पेशल पर्यटन सहायता विभाग व हेल्पलाइन नंबर, माउंट आबू परिक्रमा, एडवेंचर जैसे मुद्दे पर अगर गंभीर रूप से सोचा जाये और और हर मुद्दे के लिए एक कमिटी गठित की जाए और इस कमिटी को सालाना टारगेट दिए जाये जिसकीabutimes.com राज्य स्तर पर प्रति वर्ष मोनिटरिंग हो | कार्य कोशालता के लिए सभी विभाग में से जो विभाग सबसे से उत्तीर्ण काम करे उसे सरकार द्वारा सामान व बोनस |
आबुरोड के दुधिया तालाब का भी हो विकास
माउंट आबू जो की अपने अनेको पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है जिनमे से नक्की झील इस पर्वतीय पर्यटन स्थल की जान है उसी तरह अगर अबुरोड़ के दुधिया तालाब का विकास किया जाए तो इस शहर को चार चाँद लग जायेंगे, पिछले वर्ष हुई बारिश के बाद पहली बार यह तालाब पूरा भरा दिखाई दिया लेकिन पानी के रिसाव के कारण आज वह तालाब फिर खाली है, क्यों प्रसाशन इस तालाब व अबुरोड़ के विकास के प्रति चिंतित नहीं दिख रहा |
माउंट आबू मार्ग पर 20 न. पिलर नाम से प्रसिद्ध झरने में अब तक के मानसून का सबसे तेज़ बहता पानी
Informative
आबूटाइम्स के निर्माता द्वारा रचित अंतर्राष्ट्रीय रक्त दाता वेबसाइट, रजिस्टर कर सीधे मरीज को करे अपना रक्त दान