सुझाव | दिवाली के 8 दिन बाद विश्व के लोकप्रिय भारतीय प्रधान मंत्री ने एसा बम फोड़ा जिसकी गूंज भारत ही नहीं बल्कि पुरे विश्व के हर कोने तक गूंज उठी, और यह दिवाली के पटाखा नहीं बल्कि मोदी जी का एक भाषण था जो की उन्होंने 8 नवम्बर को मीडिया के जरिये जनता को संबोधित करते हुए मौजूदा 500/- व 1000/- के नोट के बंद होने का एलान किया था |
क्या फैसला जल्द बाज़ी में लिया गया ?
मोदी जी का अपना एक अलग अंदाज़ है और इस में कोई दोराहे नहीं की उन्हें सुर्खियों में रहना खासा पसंद है लेकिन चंद दिनों की सुर्खिया अगर पुरे देश को झंझोड़ दे तो क्या यह देश के प्रधानमंत्री की कार्यशेली पर सवाल नहीं उठाएगी ?
पहले कार्ड स्वाइप मशीन लगवाते फिर करते यह बड़ा एलान
1000/- व 500/- के नोटों पर लगे प्रतिभंध के बाद आम जनता को रही परेशानी से हम सब वाकिफ है, बैंक व एटीएम के बहार लगी लम्बी कतार और घंटो का इंतज़ार ने आम लोगो की दिनचर्या हिलाकर रख दी है, कैश न होने के वजह से व्यवसाय को प्रतिदिन भारि नुक्सान हो रहा है, इस बीच अगर नोट बंदी के एलान से एक महीने पहले से सभी दूकान, होटल, हॉस्पिटल, स्कूल इत्यादि हर मुमकिन जगह जहा पैसो का आदान प्रदान होता है वहा अगर पहले से कार्ड स्वाइप मशीन लगवा देते तो रूपये बदलवाने के लिए हो रही मराम्मारी 50% कम हो जाती |
यह होते फायदे
– अपने घर से दूर घुमने निकले पर्यटक आम तौर पर डेबिट व क्रेडिट कार्ड रखते है, अगर हर होटल, रेस्टोरेंट पर पहले से कार्ड स्वाइप मशीन होती तो उन्हें सड़क पर या भूका नहीं सोना पड़ता |
– 9 नम्वंबर की सुबह जब लोग दुकानों पर दूध, ब्रेड आदि रोज़ मराह की चीज़े लेने निकले तो दुकानदारो पर कार्ड स्वाइप मशीन न होने की वजह से भारत वासियों को बिना चाय, दूध के दिन की शुरुआत करनी पड़ी |
– जहा 50 का पेट्राल भराने वाले लोगो को मजबूरन 500/- का तेल भरवाना पड़ा, और अगर वही पट्रोल पम्प पर कार्ड स्वाइप मशीन होती तो लोगो को 450/- का मजबूरन पेट्रोल नहीं भरवाना पड़ता |
कार्ड सवाईप मशीन लगाना कोई परेशानी या महंगा कार्य नहीं था, एक महीने पहले से सरकार टेंडर निकाल कर या किसी और जरिये से हर जगह कार्ड सवाईप मशीन लगवा देती तो आम जनता को अपनी खून पसीने की कमाई जेब में होते हुए भी जो बेबसी का सामना करना पड़ा वो नहीं करना पड़ता | अपनी राय व सुझाव कमेन्ट बॉक्स में जरुर लिखे |