रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी को किया मंत्रमुध
आबूरोड। मुझे गर्व है कि भारत माता मेरी मातृभूमि है और हम सब उनके बच्चें है, यहां कि सांस्कृति में हम सभी भारतीय भाई-बहन है। भारत में विविध संस्कृतियों में एकता का समावेश दिखाई देता है। यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है। इसलिए भारत महान कहलाता है। उक्त उद्गार सीएसआईआर बैंगलोर के वरिष्ट वैज्ञानिक डाक्टर के.सी.गौडा ने सेंट एंसलम स्कूल के वार्षिक समारोह अगापे मे संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यालय छात्र-छात्राओं में शिक्षा व नैतिक संस्कार देने से परिवार में माता-पिताओं का सम्मान व समाज में उच्च शिखर पर पहुंचने का अच्छा अवसर प्राप्त होता है। अच्छी शिक्षा व संस्कार देने का दात्यिव माता-पिता के साथ-साथ विद्यालय के गुरुजनो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। देश की संपूर्ण सांस्कृतिक का समावेश से एकता का जो छात्रों ने परिचय दिया है, वे तारीफ-ए-काबिल है।
अनुशासन ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विद्यालय प्रशासन इस बात का ध्यान दे कि बच्चों में ऐसी नैतिकता व संस्कारवान शिक्षा दे कि जो देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। गौडा ने कहा कि आज भी हममे यह विचार धारणा है कि अंग्रेजी स्कूल मे पढने वाले बच्चे अपने संस्कार भूल जाते है लेकिन ऐसा नही है, स्कूल मे तो आपका बच्चा चार घन्टे रहता है उसका सारा समय तो आप सब के बीच व्यतित होता है, इसलिय कहा गया है कि बच्चे कि सबसे पहली गुरू उसकी माता स्वंय खुद होती है।
आज हम अपनी जिन्दगी मे इतनी भाग दौड कर रहे है कि हम अपने बच्चे को समय नही दे पाते है लेकिन ऐसा नही होना चाहिये आपके बच्चे को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत है, आप उसके हर विचार के भागीदार बने उसको सही व गलत रास्ते से अवगत करवाये तभी वह अपने जीवन मे ऊँचाई तक पहँुचेगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथी क्षेत्रीय विधायक जगसीराम कोली ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में बच्चे हमेशा अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे है। वर्तमान में समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है कि बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार देवे तो बच्चे समाज के विकास के लिए अग्रणीय बन सकते है। केवल अच्छी शिक्षा देना ही माता-पिता का कर्तव्य नहीं है, बल्कि उन्हें माता-पिता को समय-समय पर बच्चों को उनकी समस्या व उनके समाधान के लिए एक मित्र बनकर उनकी समस्याओं का हल करना चाहिए। कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश सिंदल ने स्व्च्छता मे स्कूल द्वारा जो योगदान दिया जा रहा ळै उसकी सराहना करते हुये आगे भी ऐसा ही सहयोग करने कि आशा व्यक्त कि। स्कूल के प्राचार्य फादर साईमनस द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
रंगारंग कार्यक्रमो ने किया मंत्रमुध
वार्षिक समारोह में स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा भारत के कई राज्यों के विविध वेशभूषा एवं वहां की संस्कृतियों का नृत्य प्रस्तुति सराहनीय रही। सेंट एंसलम स्कूल के वार्षिक समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम मेंं एक से एक बढक़र सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मनमोह लिया। कार्यक्रम की एक खासियत यह थी कि यहां विभिन्न प्रांतों की सांस्कृतिक से ओत-प्रोत शास्त्रीय व पाश्चात्य संस्कृति का समावेश देखने को मिला। इसमें केरल, उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, आसम, हरियाणा व पंजाब व राजस्थान की घूमर और कालबेलिया व गुजरात के गरबा, राजस्थान के कालेबलिया नृत्य पधारो म्हारे देश…, नाचे गोरी…, मोर रंग दे…, केसरिया बालम…, रंगीलो म्हारो ढोलना…, तेरी है जमीन…, अफ्रीकन, मेक्सीकन, चाइनीज, रसीयन, दक्षिणी भारतीय कथक, भरतनाट्यम, मणीपुरी, क्लासीकल, कथककली, पेरोट नृत्य, अजीमोशान, शहनशह, वंदेमातरम्, इतनी सी हंसी-खुशी न जाने कोई…, पेरोजियम डांस धुंआ-धुंआ…, अब जो भी हो…, रींगा-रींगा… नृत्य के अलावा एकानिभय नाट्य व सामूहिक, युगल गीतों की शानदार प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं से वाहवाही लूटी।
स्वच्छता व पारिवारिक रिस्तो पर नाटक का किया मंचन
स्कूल के बच्चो द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान पर एक स्वच्छता संदेश वाला नाटक प्रस्तुत कर सभी से स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का आहन किया गया। वही दूसरे नाटक मे पारिवारिक रिस्ते मे छोटी छोटी बातो पर केसे दरारे पड जाती है ओर उन दरारो मे आने वाली पिढ़ी पर किया असर पडता है उसको दर्शाया गया। वही भारतीय शास्त्रीय संगीत व पाश्चात्य संगीत के संगम ने आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की छटा ने उपस्थित कलाप्रेमियों का मनमोह लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएसआईआर बैंगलोर के वरिष्ट वैज्ञानिक डाक्टर के.सी.गौडा, क्षेत्रीय विधायक जगसीराम कोली, पालिका अध्यक्ष सुरेश सिंदल, आईपीएस दैवैन्द्र कुमार, मिशन सूपीरियर फादर्स साइमन, फादर सजो एवं सिस्टर सानिध्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा आकाश में रंग-बिरंगे गुब्बार छोडक़र व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सेंट एंसलम के फादरों ने अतिथियों का साफा व पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत सत्कार किया। आकाश में आतिशबाजी का नजारा देखने लायक रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न राज्यों के लोकगीत एवं वहां की संस्कृति का नृत्य के माध्यम से लोगों का दिल जीता।
झलक एक : रूप शास्त्रीय व पाश्चात्य संस्कृति की
कार्यक्रम में लगे चार चांद
सेंट एंसलम के वार्षिक समारोह में राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आसम, दिल्ली, हरियाणा, गोवा, केरल के फादर्स एवं सिस्टर के साथ भारी तादाद में पूर्व में अध्ययनरत विद्यार्थी, अभिभावक व गणमान्य नागरिकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में देर रात्रि अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में एमसीबीएस मिशनरी ऑफ राजस्थान व सेंट एंसलम स्कूल प्रशासन की ओर से आगंतुक अतिथियों को समृतिचिह्न प्रदान किए गए।