आबूरोड। भूजेला के समीप स्थित माधव यूनिवर्सिटी में पुलिस एसआईटी ने फर्जी डिग्री मामले में जांच कार्यवाही को अंजाम दिया। जांच के दौरान कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए।
हिमाचल प्रदेश के सोलन के कुमारहटटी स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री आवंटित करने के आरोप पुलिस एसआईटी जांच में सही पाए गए। सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय के शिक्षकों से लेकर कर्मचारियों तक को फर्जी डिग्री का आवंटन किया गया। कानून, एमबीए के कोर्स की पीएचडी की उपाधि तक हासिल की गई है। एक ओर जहां अवार्ड में कम अंक दर्शाए गए है। वहीं, फाइनल मार्कशीट में अंक बड़े हुए पाए गए है। इसी के तहत हिमाचल प्रदेश की पुलिस माधव यूनिवर्सिटी पहुंची। पुलिस दल ने चौबीस घंटे तक विश्वविद्यालय की जांच पड़ताल की। जांच के दौरान पुलिस को स्टोर में से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे।
चेयरमैन भूमिगत
हिमाचल प्रदेश के सोलन की मानव भारती व सिरोही जिले की माधव यूनिवर्सिटी दोनों ही संस्था के राजकुमार राणा चेयरमैन है। सोलन की मानव भारती यूनिवर्सिटी में पांच लाख फर्जी डिग्री के मामला का खुलासा हुआ। इसके बाद जब हिमाचल प्रदेश की पुलिस मौके पर पहुंची तो माधव व मानव भारती यूनिवर्सिटी के चेयरमैन राजकुमार राणा भूमिगत हो गए। पुलिस ने उनकी तलाश में कई जगह पर दबिश दी। लेकिन, पुलिस को सफलता नहीं मिली।
हिमाचल के एक विवि का असिस्टेन्ट रजिस्ट्रार गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के कुमारहटटी के मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री मामले में पुलिस ने गत आठ मार्च को देर रात को पहली गिरफ्तारी की। धोखाधड़ी के आरोपी मोहाली निवासी असिस्टेन्ट रजिस्ट्रार मनीष गोयल को गिरफ्तार किया गया। विश्वविद्यालय के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज है। पुलिस द्वारा एडमिन ब्लॉक से हार्ड डिस्क व पेन ड्राइव समेत कई अन्य उपकरण भी कब्जे में लिए गए है।
मीडिया से भी बनाई दूरी
दो घंटे तक चली जांच कार्यवाही में पुलिस ने रात को पत्रकारों को सुबह प्रेस कांन्फ्रेंस कर जानकारी देने का भरोसा दिलाया। लेकिन, पुलिस टीम सुबह बिना किसी पूर्व सूचना के रुखसत हो गई।
पांच लाख फर्जी डिग्री
मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री मामला सामने आया। इसके बाद यूजीसी की ओर से हिमाचल सरकार को इस बारे में पत्र लिखा गया था। सोलन के कुमारहटटी स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय ने पांच लाख फर्जी डिग्रियां बेचने का हवाला दिया। छानबीन के लिए सोलन एसपी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया। एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है। एसपी अभिषेक यादव की अध्यक्षता में गठित एसआईटी टीम ने लगातार चार दिन तक दबिश दी। इस दौरान आईजी आसिफ जलाल भी मौके पर मौजूद रहे। मौके पर करीब दस हजार खाली डिग्रियां पाई गई। दबिश के दौरान कुछ उत्तर पुस्तिकाएं मिली। जिन्हें जांचा तक नहीं गया। कई उत्तर पुस्तिकाएं बिल्कुल खाली है। जिनके पीछे लिखा हुआ है, 35 हजार रुपए आरटीजीएस से वसूले गए है।
लैब टेक्नीशियन से शुरु किया सफर, बनाए दो विश्वविद्यालय
हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय व माधव यूनिवर्सिटी दोनों संस्थानों के चेयरमैन राणा है। कभी हिमाचल प्रदेश के करनाल शहर के एक निजी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के रूप में काम करने वाले राणा ने करीब बीस साल में शिक्षा जगत में साम्राज्य खड़ा कर दिया। छोटे से प्राइवेट शिक्षण केंद्र से लेकर दो विश्वविद्यालयो की स्थापना कर दी।
उनका नाम सोलन स्थित अपने विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री बांटने मामले में चर्चा में है। बीस वर्ष पूर्व राजकुमार राणा ने दयालसिंह कॉलोनी में पीमसीआई के नाम एक इंस्टिट्यूट की शुरुआत की थी। इस केंद्र में लैब टेक्नीशियन का कोर्स कराया जाता था। दो-तीन वर्ष में ही कार्य ने रफ्तार पकड़ ली। शहर के प्रमुख प्राइवेट शिक्षण संस्थान चलाने वालों में शुमार हो गए। वर्ष 2009 मे हिमाचल प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खुलने का दौर शुरू हुआ। इसी दौरान राणा ने भी अपना विश्वविद्यालय मानव भारती विश्वविद्यालय स्थापित करना शुरू किया। मानव भारती चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से यह विश्वविद्यालय संचालित किया जाने लगा। इसके चेयरमैन राजकुमार राणा बने। इसके बाद सिरोही जिले में माधव यूनिवर्सिटी की स्थापना को अंजाम दिया गया।
– कमलेश पुरोहित