05/03/2015 माउंट आबू, आज होली के पावन पर्व पर शहर में हर्सोलास से होलिका दहन संपन हुआ, आबू रोड, माउंट आबू, सिरोही एवं अन्य गाँवों में होली का दहन कर कर ‘ बुराई पर अच्छाई की जीत ‘ की कथा को याद किया गया |
शहर मे कही जगह महिलाये होली की पूजा करती दीखाइ दी, होली से जुडी कथा:-
फाल्गुन मास की पुर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।
भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।
प्रह्लाद के पिता ने आखर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।
यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है।
वही शहर के कुछ दूकानो पर गुलाल व पीचकारी खरीदते लोग, होली दहन के अगले दिन लोग एक दुसरे को गले लगा कर अबीर, गुलाल लगाकर होली की शुभ कामनाये देते हे, इस पर्व पर पुराने बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। घरों में औरतें एक दिन पहले से ही मिठाई, गुझिया आदि बनाती हैं व अपने पास-पड़ोस में आपस में बांटती हैं। कई बच्चे होली की टोली बनाकर पुरे शहर मई घूम घूम कर हर एक को रंग लगाकर धुलंडी के मज्जे लेते है |
होली के इस त्यौहार की कुछ नायब तस्वीरे :-
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