ब्रह्माकुमारी संगठन में मीडिया सम्मेलन आज से आरंभ
माउंट आबू, ६ जून। प्रेस कौसिंल ऑफ इंडिया चेयरमैन जस्टिस सी. के. प्रसाद ने कहा कि योग और अध्यात्म भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अक्षुण्य अंग है। अनेकता में एकता के मजबूत धरातल पर कायम इस महान देश ने अब पूरे विश्व में योग विद्या का प्रसार करने की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने की प्रतिज्ञा की है। निसंदेह योगाभ्यास से असंख्य लोगों ने न केवल शारीरिक विकारों से मुक्ति पाई है बल्कि उनकी दिनचर्या पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ा है। इसलिए मीडिया का यह नैतिक धर्म बनता है कि वह इसके प्रसार प्रचार में सहभागी बनकर सामाजिक क्रांति लाये। यह बात उन्होंने शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में योग और अध्यात्म में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर से आए मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रेस परिषद मीडिया के लिए आचार संहिता तैयार करने और उसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन ऐसी संतुलित नीति भी अपनानी होगी कि मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में परिषद पर कोई आक्षेप न आये।
संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि योग एवं अध्यात्म की प्रगति में मीडिया अहम भूमिका निभा सकता है। मीडिया योग व अध्यात्म की नई जिम्मेवारी निभाने में जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकता है।
मीडिया प्रभाग अध्यक्ष बी. के. ओमप्रकाश ने का कि विज्ञान ने मानव को बहुत कुछ दिया लेनिक प्राकृति आपदाओं, व्याधियों, दुर्घटनाओं, हिंसा, पर्यावरण प्रदूषण में भी उतरोतर वृद्धि हुई है। जिस प्रकार हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, सूचना प्रौद्योगिक क्रांति लाने में मीडिया सारथी बना उसी तरह अब अध्यात्मिक क्रांति का भी इसे ध्वजवाहक बनना चाहिए।
मीडिया इनिशिएटिव फॉर वैल्यूज संस्था के राष्ट्रीय सयोंजक प्रो. कमल दीक्षित ने कहा कि पूर्व व पश्चिम के अंतराल को पाटने की शक्ति मीडिया में है।
प्रेस परिषद के सदस्य राजीवरंजन नाग ने कहा कि विश्व में योग व शाकाहर के प्रति दीवानगी तेजी से बढ़ रही है। ये दोनों भारतीय संस्कृति व सभ्यता की देन है। व्यपारिक प्रतिस्पर्धा से प्रभावित मीडिया यदि योग और अध्यात्म को अपनाये तो सभी दबाबों से राहत पा सकता है।
कुशभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलपति डॉ. एम.एस. परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने सयुक्त राष्ट्र संघ से २१ जनू को योग दिवस मनाने का अनुमोदन कर जनता के लिए पुण्य कार्य किया है। योग से अंतकरण की शुद्धता, ज्ञान प्राप्ति के लिए एकाग्रता व निर्भयतापूर्वक जीवन जीने की कला को धारण करने के लिए योग सशक्त माध्यम बन सकता है।
सम्मेलन में प्रभाग राष्ट्रीय संयोजक आत्मप्रकाश, बी. के. सुशान्त, क्षेत्रीय संयोजिका बी. के. चन्द्रकला, बी. के. शीलू बहन आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
वृहत स्तर पर मनाएंगे अंतराष्ट्रीय योग दिवस
स्थानीय पोलोग्राउंड में आगामी २१ जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस को वृहत स्तर पर मनाए जाने के लिए शुक्रवार देर शाम को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन स्थित ओम शान्ति भवन में बैठक का आयोजन किया गया।
पालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर ने बताया कि नगरपालिका प्रशासन, केरिपुबल, होटल ऐसोसिएशन, होस्टल ऐसोसिएशन, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, व्यापार संघों, स्वयंसेवी संगठनों द्वारा आगामी २१ जून को संयुक्त रूप से अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। जिसके लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।
ओम शान्ति भवन में उपाध्यक्ष श्रीमती अर्चना दवे, एवीएम प्राचार्य पी.सी.सुथार, सीआरपीएफ डिप्टी कमांडेंट कुलदीप सिंह, खेल प्रभाग संयोजिका बी. के. शशि बहन के नेतृत्व में हुई बैठक में अंतराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर पोलोग्राउंड में वृहत स्तर पर आयोजित किए जाने वाले सहज राजयोग, प्राणायाम, मलखंभ शिविर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर दी गई है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभिन्न समितियों का गठन कर संयोजक नियुक्त कर उन्हें दायित्व सौंपे गए हैं
बैठक में पार्षद मुकेश अग्रवाल, जूझाराम, डाइट प्राचार्य इब्राहिम बोहरा, रोटरी स्कूल प्राचार्य गिरीश चतुर्वेदी, नारी उत्कर्ष संस्थान अध्यक्ष श्रीमती विराज देसाई, किरणकश्यप, गीता अग्रवाल, संजय विश्राम, टेकचंद भंभाणी, चिमन ङ्क्षसह परमार, हेमराज माली सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, गणमान्य नागरिक व स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।