माउन्ट आबू में अब छोटे वाहनों के जरिये सेलानियों को आने की दी गई ईजाजत से पस्त पडे पर्यटन उद्योग ने राहत की सांस ली है। खराब रास्ते अब तक दुरूस्त नही हुए है जिन्हे अभी तक स्थाई तौर पर निर्मित किये जाने की शुरूआत नहीं हुई है लेकिन मोनिटरिंग कमिटी की कड़ी निगरानी में आवाघमन संपन्न होने से आबू फिर खिलने लगा है |
प्रातः 6 बजे से साय 6 बजे तक आने जाने की अनुमति
पिछले 2 हफ्तों से बन्द पडे माउन्ट आबू को अब तक करोडो का नुकसान हो चुका है जिसमें नगरपालिका को यात्रीकर से प्रतिदिन होने वाली आय एवं भारत सरकार को करोडों की दी जाने वाली सर्विस टैक्स की रकम भी शामिल है। माउन्ट आबू में हालात पुरी तरह तभी सामान्य हो सकते है जब सडकों को दुबारा ठीक उसी तरह से निर्मित कर बना दिया जाए । माउन्ट आबू में सेलानियों के सेर सपाटे के लिये पुलिस व प्रशासन ने दिशा निर्देश भी जारी किये है और प्रातः 6 बजे से साय 6 बजे तक ही पय्रटकों का आवागमन जारी रखा है क्योंकि रास्ते में सात जगह ऐसे है जहां पय्रटकों को एतिआत बरतना जरूरी है।
अब पर्यटन उद्योग से कारोबारियों को यह उम्मीद जगी है कि 15 अगस्त से लकर रक्षा बंधन तक माउन्ट आबू सेलानियेा से पहले की तरह गुलजार हो सकेगा। लेकिन माउन्ट आबू के कारोबारियो ने इस बात का भी रोष है कि माउनट आबू के हालात दुबारा से पटरी पर लाने के लिये केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से अब तक सडकों को सुधारने की कोई भी राशि स्वीकृत नहीं हुई है साथ ही माउन्ट आबू विकास समिति की अध्यक्ष होेते हुए भी राजस्थान की मृख्यमंत्री वसन्ुधरा राजे सिन्ध्यिा ने सिथति सुधारने के लिये कोई ठोस पहल नहीं की है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा मांगी गई 2 करोड 61 लाख रूपये की राशि भी अब तक जिला प्रशासन को हासिल नहीं हुई है यहां तक की डिसास्टर मेनेजेमेनट और अन्य फण्डों में जिला प्रशासन को भी 30 लाख रूप्यें तक खर्च करने का ऐसी स्थिति में अधिकार है लेकिन एक रूप्या भी नहीं दिया गया है।
यहीं नहीं कि माउन्ट आबू नगरपालिका द्वारा आबू विकास उपसमिति को पर्यावरण के लिये खर्च करने के लिये 33 प्रतिशत की यात्रीकर राशि दी जाती है लेकिन उस फण्ड में से भी किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं किया गया है। ऐेसे में यह कल्पना से परे है कि माउन्ट आबू के हालात दुबारा से पटरी पर कब आयेंगे लेकिन यह दुर्भाग्य है कि जो शहर राजसथान के टोप 5 टूरिसट डेस्टीनेशन में शामिल होता है यहां राज्य सरकार और भाारत सरकार को करोडों का राजस्व हासिल होता है उस माउन्ट आबू की इतनी उपेक्षा की गई जो शर्मनाक होने के साथ दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
नजर अंदाज किये जाने का पता इसी से चलता है कि माउन्ट आबू में राजसथान का न कोई मंत्री आया ना ही प्रभारी मंत्री जायजा लेने पहुचे। सिरोही जालौर के सांसद देवजी भाई पटेल ने जरूर माउन्ट आबू की इस आपदा को जाना और 1 करोड की राशि देने की घोषणा की ।
नगर महामंत्री (भाजपा, आबू पर्वत) ने सी.एम्. को लिखा सुचना पत्र
News Courtesy: Anil Areean, Edited BY: AT Admin, PC: Ashok Chouhan