26 जुलाई 2015 को प्रातः 6 बजे से तेज़ बारिश शुरू, सिर्फ दो घंटो में करीब 56 मिलीमीटर बारिश के साथ आबू में सावन ने दस्तक दी, 27 जुलाई की शाम तक करीब 626 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो की आह 28 जुलाई तक करीब 900 मिली मीटर तक पहुँच गई थी |
माउंट आबू में बरसात का 25 साल का रिकॉर्ड टूट गया, 54 घंटे में हुई 900 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश
अंधेरे में डूबा माउंटआबू,
बारिश की वजह से यहां का जनजीवन बिल्कुल अस्त व्यस्त हो गया है। दो दिनों से लोग बिना बिजली के है। बिजली कब आएगी इसका कोई पता नहीं है। रोड पर बिजली के खंभे गिर गए है जिससे करंट लगने के खतरा बना हुआ है। बिजली नहीं होने की वजह से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा माउंटआबू अंधेरे में डूब गया है।
भारी बारिश और आंधी
भारी बारिश और आंधी में कई मकानों के छप्पर उड़ गए है। साथ ही कई मकानों के दीवारें गिर गई है।
नक्की झील बारिश से लबालब भरकर ओवरफ्लो हो गई है ।
साथ ही माउंटआबू का एक ही मार्ग आने जाने के लिए है जो चट्टान गिरने से बंद हो चुका है।
अब आलम यह है कि सैलानी जो यहां आए है वह फंस गए है और जा नहीं पा रहे है दूसरी तरफ जो सैलानी माउंटआबू आ रहे थे वह रास्ते में फंस गए है क्योंकि सड़क पर चट्टाने गिरी हुई है जिससे यातायात पिछले कई घंटे से बाधित है। बैंक में दो दिन से कामकाज नहीं हो पाया है।
साथ ही टेलीफोन टावरों के नेटवर्क बंद है।
जिससे टेलीफोन संपर्क कट गया है। बीएसएनएल और वोडाफोन के मोबाइल काम नहीं कर रहे है।