माउन्ट आबू में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा 5 फरवरी 2015 को ही माउन्ट आबू के निर्माण सम्बन्धी 25.06.2009 के तहत मोनेटरींग कमेटी को सभी नये निर्माण, रिपेयर, रिनोवेशन, रेस्टारेशन के अधिकार मोनेटरींग कमेटी माउन्ट आबू को दे दिये थे जिसके अनुसार अब माउन्ट आबू में मोनेटरींग कमेटी सभी प्रकार के निर्माण कार्यो की स्वीकृति जारी कर सकती है जो भारत सरकार ने अपने नोटिफिकेशन दिनांक 25.06.2009 उन्हे प्रदतः किये है।
यह स्प्ष्टीकरण राजस्थान उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त को सुनवाई में जहां सितम्बर माह में अगली तिथि तय की गई वहीं राजस्थान के अतिरिक्त महाअधिवक्ता राजेश पवांर को नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर ने एक पत्र सौपा और पिछले 10 दिन में आबू पर्वत पर लगातार भारी तूफान व वर्षा कई दिन तक जारी रहने से मकान क्षतिग्रस्त होकर खतरे की स्थिति बताते हुए कहा कि कई छते टूट गई है इसी तरह सडके व नालियां भी क्षतिग्रस्त हो गई है जिनकी आपतकालीन परिस्थितियों को देखते हुए मरम्मत करवाने हेतु आवश्यकता है।
पत्र में 05.02.2015 के राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा सरकार एवं मोनेटरींग कमेटी को जारी आदेश की व्याख्या करने को कहा गया जिसके जवाब में यह खुलासा हुआ कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा 5 फरवरी 2015 को ही अपनी रोक हटाते हुए कहा था कि डिवीजनल कमीशनर जोधपुर की अध्यक्षता में पुनः मोनेटरींग कमेटी बनाई जावे जो 25.06.2009 के तहत सभी कार्य कर सकेगी जिसमें स्पष्ट किया गया कि 25.06.2009 के पद संख्या 7 के क्लोज 3 के अनुसार माउन्ट आबू के जोनल मास्टर प्लान बनने तक यह कमेटी सभी प्रकार के नये निर्माण, आल्ट्रेशन, डिमोलेशन, रिपेयर, रिनोवेशन एवं रेस्टारेशन सभी की मोनेटरींग कमेटी में स्वीकृति प्राप्त कर नगरपालिका स्वीकृति जारी कर सकती है।
इस प्रकार यह स्पष्ट हो गया है कि माउन्ट आबू में 25.02.2015 के तहत मोनेटरींग कमेटी माउन्ट आबू को किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य की स्वीकृति देने का पूर्ण अधिकार है। गजट के पेरा संख्या 7 में स्पष्ट किया गया है कि पारिस्थितिक सवंदेनशील जोन के लिये जोनल मास्टर प्लान तैयार किये जाने तक एवं केन्द्रीय सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उसके अनुमोदन के लम्बित रहने के दौरान अनुज्ञ भूमि क्षेत्र अनुपात अनुज्ञ मैदान, तलों की अधिकतम संख्या अधिकतम उचाई के विद्यमान मापदण्डों में कोई वृद्वि नहीं होगी तथा सभी नये निर्माणों को नगरिानी समिति द्वारा यानि मोनेटरींग कमेटी द्वारा प्रस्तावों की समीक्षा और उन्हे अनुमोदित किये जाने के पश्चात ही अनुज्ञात किया जायेगा और अन्य सभी विकास क्रिया कलापों के लिये जिसके अन्तर्गत भवनों के परिवर्धन, परिवर्तन, डाणा, मरम्मत, नवीनीकरण और पुर्नस्थापना भी है। मोनेटरींग कमेटी सभी स्वीकृति जारी कर सकती है। इससे अब स्पष्ट हो गया है कि माउन्ट आबू में निर्माण कार्यो पर कोई रोक नहीं है और आगामी बैठको में सभी प्रकार की निर्माण की स्व्ीकृति आवश्यकता अनुसार दी जा सकेगी।
News Courtesy: Anil Areean, Mount Abu