After a long week, the No Entry boards for Mount Abu are now resting in their yards as tourists are now welcome to drive up on aravalli ranges to reach the only hill station of Rajasthan, Mount Abu.
माउंटआबू में चंद दिनों पहले हुई ऐतिहासिक बारिश की वजह से सैलानीयो के माउंट आबू आने पर रोक लगा दी गई थी, क्योंकि प्रशासन खतरनाक रास्तों के मद्देनजर सेलानी की सुरक्षा से कोई समझोता नहीं करना चाहते थे |
लेकिन अब माउंट आबू पर छोटी गाडियों से सेलानी की आवाजाही चालू हो गई है, बस के लिये अभी और इंतज़ार करना होगा लेकिन आबू रोड से लोकल टैक्सी या जीप में आबू पहुंचा जा सकता है |
सड़क की मरम्मत का कार्य अभी भी चल रहा और यह कार्य अभी कुछ दिन और चलेगा, क्यूंकि अभी भी रस्ते में कुछ जगह भारी नुक्सान हुआ है, जिसे की पूरी तरह ठीक होना में कुछ और दिन लगेंगे, मोनिटरिंग कमिटी की निगरानी के अंतर्गत छोटी गाडियों की आवाजाही चालु कर दी गई है |
हजारो सेलानियो से भरा रहना वाला आबू कुछ दिनों से सुना पड़ा था जिससे की पर्यटन उद्धयोग को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ा है, गौरतलब है सेलानियो के फिर से आने की खबर से आबू में एक बार फिर थोड़ी बहुत रोनक लौटी है, और समय के साथ आबू फिर से लाखो सेलानियो का स्वागत करेगा |
हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी तबाही के बीच भी राज्य की सीएम वसुंधरा राजे खुद माउंटआबू विकास समिति की चेयरमैन है जिन्होने अभी शहर को पटरी पर जल्दी से लाने के लिए सुध नहीं ली है। गौर हो कि माउंटआबू राजस्थान के टॉप फाइव टूरिस्ट स्पॉट में शुमार होता है जहां हर साल लाखों सैलानी आते हैं | यहां का जीवन पटरी पर कब आएगा इसका कुछ पता नहीं लेकिन एक बात तय है कि अगर जल्द ही राज्य सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की तो माउंटआबू की दशा और दुर्दशा को बिगड़ते देर नहीं लगेगी।