आबूरोड। चंद्रावती नगरी में पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही खुदाई अब दिखने लगी है। विभाग एवं उदयपुर राजस्थान विद्या पीठ के प्रोफेसर जीवनलाल खरगवाल के नेतृत्व में की जा रही खुदाई में अब एक आवासीय भवन स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। दिन प्रतिदिन धीमी गति से सावधानी पूर्वक की जा रही खुदाई में भवन की ईमारत सामने आने लगी है। इस दौरान खुदाई में मिलने वाले बर्तन एवं अन्य सामानो को संजोकर रखा जा रहा है जिनकी जांच पडताल बाद में की जाएगी कि यह किस शताब्दी के है।
उल्लेखनीय है कि अब तक की गई खुदाई में सुरंग, मंदिरो के अवशेष, आवासीय भवन, किले इत्यादि के अलावा एक दसवीं शताब्दी का मटका खुदाई में मिल चुका है। करीब 26 बीघा क्षेत्रफल फैली इस नगरी में कई मंदिर एवं आवासीय मकान थे। ऐतिहासिक चंद्रावती नगरी में संग्रहालय के समीप बस्ती क्षेत्र के ट्रेन्स में खुदाई जारी है। शोधार्थी राकेश मेनारिया के अनुसार ख्ुादाई में टीले के सरफेज को खोला गया है। उत्खनन में किसी रहवासी मकान की तरह दीवार व स्ट्रक्चर साफ नजर आने लगा है। इस ट्रेन्स क्षेत्र में बीच के स्थान को छोडक़र चारों तरफ सावधानी पूर्वक खुदाई करवाई जा रही है। इसी के समीप स्थित बस्ती क्षेत्र के अन्य ट्रेन्स में खुदाई के चलते रहवासी आवास की संरचना दिखाई देने लगी है। ईंटों से बनी दीवार एक्सपोज होने से व्यवस्थित आवास साफ दिखाई देने लगा है। इस ट्रेन्स में खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े व कोयला निकला है।
गांव वासीयो ने देखी खुदाई
चन्द्रवती नगरी मे चल रही खुदाई मे निकले विभिन्न प्रकार की चिजो के बारे मे अखबारो के माध्यम से बढती खबरो व उनकी लोप्रियता के बारे मे गांव व आसपास के क्षैत्रो के लागो ने आकर देखा। पुराने मंदिर व मकानो की दिवारो को देखने के लिये लोगो मे उम्सुकता नजर आई।