आबूरोड। चिकित्सा मंत्री राजेंद्रसिंह राठौड़ ने कहा कि तीस बैड की सुविधाओं युक्त चिकित्सालय 19 नवम्बर तक बनकर तैयार होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन नई बिमारियां सामने आ रही है। प्रदेश के 12 हजार मेडीकल संस्थाओं में दो लाख 65 हजार रोगी जांच को पहुंच रहे है। जन संख्या का दबाव अधिक है। वे शनिवार को आकराभट्टा में तीन करोड़ की लागत से बनने वाले नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भूमि पूजन के दौरान आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आकराभट्टा में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र बनाया जा रहा है। चिकित्सा केंद्र के बनने से शहर व आसपास के क्षेत्र के रहवासियों को लाभ मिल सकेगा। चिकिस्कीय सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 38 चिकित्सकों की नियुक्ति की गई। लेकिन, महज 19 चिकित्सकों ने ही पदभार ग्रहण किया है। राज्य सरकार ने लोगो को चिकित्सकीय सेवाएं सुलभ करवाने को भामाशाह स्वास्थ्य योजना शुरु की है। सांसद देवजी पटेल, जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, जिला प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा मंत्री, जिला प्रभारी मंत्री, जिला प्रमुख, पालिकाध्यक्ष ने शिला पट्टिका का अनावरण किया। साथ ही भूमि पूजन कर चिकित्सालय निर्माण का श्रीगणेश किया। इस अवसर पर विधायक समाराम गरासिया, भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल, पालिकाध्यक्ष सुरेश सिंदल, अरुण परसरामपुरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष लुंबाराम चौधरी, भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष नगाराम देवासी, मुकेश कोठारी, सुरेश कोठारी, बाबूभाई पटेल, शकुंतला वाजपेयी, रणजीतसिंह उमट, पार्षद समेत बड़ी संख्या कार्यकर्ता मौजूद थे।
दोहरी राजनीति
शहर से दूर चिकित्सालय निर्माण का विरोध करने वाले पार्षद ,जनप्रतिनिधियों के साथ नगर कांग्रेस द्वारा का विरोध शनिवार को गायब हो गया। विरोध करने वाले ही तिलक लगवाने में आगे रहे। ऐसे में कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों के दोहरे रवैये से आहत दिखाई दिए। वहीं विरोध का स्वर बुलंद करने वाली कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने मौन साध लिया। वही लगातार एक माह से नंगर कांग्रेस के साथ साथ कांग्रेस के अन्य पार्षद भी जनहित के लिये शहर से दूर जा रहे चिकित्सालय का विरोध कर रहे थे वही शिलान्यास के एक दिन पूर्व भी कांग्रेस नगर अध्यक्ष अमित जोशी द्वारा चिकितसमंत्री से मिलकर जनहित के बारे मे अवगत करवाने का ज्ञापन दिया गया था लेकिन जब चिकित्सालय की भूमि का शिलान्यास चल रहा थ तब कांग्रेस सहित अन्य सभी जनहित की ताल ठोकने वाले नेता गायब थे।