माउंट आबू, संभागीय आयुक्त, मॉनिटरिंग कमेटी अध्यक्ष रतन लाहोटी ने कहा कि माउंट आबू का जोनल मास्टर प्लान स्वीकृत हो चुका है। जिसमें वर्णित नियमों के तहत नगरपालिका ईको सेंसटिव जोन को ध्यान में रखकर अधिनियम तैयार करेगी। ताकि विकास तथा जनहित कार्यों को शीघ्र ही किया जा सकेगा। वे शुक्रवार को उपखंड कार्यालय में मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोगों के पुराने आवासीय भवनों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए हर संभव प्राथमिकता दी जाएगी। माउंट आबू में नए निर्माणों की स्वीकृति एनजीटी से दिशानिर्देश प्राप्त होने के बाद ही दी जा सकती है। आवश्यक मरम्मत, नवीनीकरण और प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त भवनों तथा पट्टेशुदा आवासों में, शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति को उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में स्थानीय समिति गठित की गई है। जो इन कार्यों के लिए अधिकृत की हुई है। विकास कार्यों में बाधा डालन के लिए जिन लोगों के द्वारा कई भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं उन पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां का विकास कार्य लोगों की एकता पर ही निर्भर है। भरत जैन द्वारा उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका अब एनजीटी में स्थानांतरित की गई जहां याचिका विचाराधीन है। एनजीटी में अपना पक्ष रखने के लिए प्रशासन तथा पालिका दस्तावेज तैयार कर रही है। वहां नागरिकों की समस्याओं का भी पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। एनजीटी से दिशानिर्देश मिलने के बाद ही आगे का कार्य होगा।
बैठक में १७६ आवेदन प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त आवासों की मरम्मत, २३ अति आवश्यक आवासीय रिपेयर, रिन्युवेशन व ६०० राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय निर्माण के आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। जिन्हें स्थानीय समिति को स्वीकृत करने के लिए अधिकृत किया गया।
बैठक में सांसद देवजी भाई पटेल, उपखंड अधिकारी अरविंद पोसवाल, समिति सदस्य चेतनचारण, सौरभ गांगडिय़ा, पालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर, पालिका आयुक्त दिलीप माथुर, युआईटी सचिव महेंद्र ङ्क्षसह और सरपंच राकेश कुमार सहित समिति के सदस्य तथा अधिकारीगण मौजूद थे।