आरासना अंबाजी मे हो विकास तो बन सकता है जिले का महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन तीर्थ: सिरोही
राजस्थान के बड़े तीर्थ स्थलों को विकसित कर पर्यटन की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर लाने के प्रयास किये जा रहे हैं,लेकिन सिरोही जिले के अर्बुदा रण्य में बिखरी आध्यात्मिक,धर्मिक महत्व की पुरासंपदा एवं धार्मिक देवालयों का विकास हो सकता है,लेकिन दुर्भाग्य है कि देवस्थान राज्य मंत्री ओटाराम देवासी के गृह जिले में देवस्थान बोर्ड के अन्तर्गत 52 के करीब प्राचीन देवालयों जिसका प्रबंधन पूर्व नरेश सिरोही रघुवीरसिंह देवडा के हांथों में है। उनके विकास में ना तो बोर्ड को चिंता है और ना ही राजस्थान सरकार को,अन्यथा ऋषिकेश,भद्रकाली, आरासना अंबाजी, जिले के आराध्य देव सारणेश्चर महादेव सहित सभी देवालय सिरोही जिले की अन्तर्राष्ट्रीय पहचान पर्यटन के क्षेत्र में करवा सकते है।
अहमदाबाद-दिल्ली हाईवे मार्ग, पिंडवाडा पंचायत समिति के अन्तर्गत जैन तीर्थ बामणवाडजी के निकट आरासना ग्राम में अति प्राचीन आरासूरी अंबाजी का मंदिर देश 52 शक्ति पीठों मे से एक महत्वपूर्ण शक्ति पीठ है, जहां मॉ अंबा की पूजा मूर्ति के रूप में ना होकर सिद्व चक्र की पूजा के रूप में होती है,जहां प्रतिवर्ष देश-विदेश से हजारों श्रद्वालु व भक्त दर्शनाथ आते है तथा गुजरात स्थित दाता अंबाजी के दर्शनार्थियों के दर्शन यहां पर चक्र की पूजा करने के अभाव में अधूरे रहने के कारण अंबाजी गुजरात के दर्शनार्थी भी यहां पर दर्शन करने आते है,लेकिन इस महान चमत्कारिक तीर्थ स्थल पर राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन ने इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में उभारने का कोई प्रयास नही किया। करीब बीस वर्ष पूर्व सिरोही रोडवेज की बस यात्रियों को लेकर दर्शनार्थ जाती थी जो बंद हो गई और अब वहां पर दर्शनार्थियों को निजी वाहनों,जीप, रिक्शा का सहारा मनमाने दामों पर किराया चुका कर लेना पडता है।
यह बात अलग है कि राज्य के देवस्थान राज्य मंत्री जिले के प्राचीन मंदिरों में राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप विकास करवाने का भाव रखते है,लेकिन पूर्व सिरोही रियासत के आजादी के बाद मंदिरों को देवस्थान बोर्ड के अन्तर्गत सौंपे जाने के कारण देवस्थान विभाग व राज्य सरकार यहां पर सुविधाएं बढाने में दिलचस्पी नही रखती,अगर पूर्व सिरोही नरेश रघुवीरसिंह देवडा राज्य सरकार के साथ योजना बनाकर देवस्थान बोर्ड के अन्तर्गत मंदिरों के धार्मिक व पर्यटन महत्व को बढाने में उचित कार्रवाही करे तो देव धरा सिरोही का धार्मिक पर्यटन पूरे देश-विदेश में ख्याति दिला सकता है, अन्यथा उचित रख-रखाव के अभाव तथा धर्मिक यात्रियों को नही मिलने वाली सुविधा के कारण यह मंदिर अपने वैभव को खोते जा रहें है तथा अनेक मंदिरों में देव मूर्तियों की चोरियां भी होने के समाचार समय-समय पर प्रकाशित हो रहते है। जिस पर राज्य सरकार जिले के प्रभारी मंत्री व जिला प्रशासन को सौचना चाहित।
संपादक
हरीश दवे, सिरोही