अवैध निर्माण ध्वस्त करने के आदेश की मार नै फूटपाथ पर बैठकर अपनी दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले गरीब व्यवसाई को भी नहीं बक्शा ।
इतना होने के बावज़ूद जब ये लोग उम्मीद के पूल बांध अपनी समस्सियाओ को लेकर एस.डी.एम के पास गए तो वहा से भी निराश होकर लोटना पड़ा, अथवा अपने चुनाव की रोटी सेकने आये पक्ष विपक्ष के नेताओ ने आपस मे उलज कर मामला और भी पेचीदा कर दिया ।
राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद माउंटआबू की जनता सकते में है। 3 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में सरकारी और अर्द्ध सरकारी क्षेत्र के अलावा सभी तरह के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी । साथ ही वहां हुए अवैध निर्माण ध्वस्त करने के आदेश दिए । अब आबू की जनता का कहना है कि जो आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में निरस्त कर दिया उसपर राजस्थान हाईकोर्ट कैसे आदेश दे सकता है। इस सिलसिले में आबू की जनता ने अपनी संवैधानिक अधिकारियों के हनन को लेकर सिरोही जालौर के सांसद देवजी भाई पटेल को माउंटआबू बुलाया है। माउंटआबू की जनता में इस बात को लेकर गुस्सा है कि पिछले 30 साल से वह निर्माण कार्यों पर पाबंदी झेलते आ रहे हैं और उन्हें कबतक झेलना पड़ेगा।
माउंटआबू, संवैधानिक अधिकारों को लेकर फिर हो सकता है आंदोलन ।