माउण्ट आबू, बेटी बचाओं के कथन को कुछ यु साबित किया नगर पालिका में पूर्व भाजपा की और से पार्षद रही प्रज्ञा चौरसिया ने, वह न केवल अपने माता पिता को अपने घर रखकर के पिछल्ले पांच साल से सेवा की। अपितु अपनी माता जी श्रीमती दया बेन के देहांत के बाद में उनकी आखों को नेत्रदान के रूप में करवाकर समाज के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है, कि आज भी बेटी अपने मां बाप के लिए उनके बुढ़ापें में किसी बेटें से कम नहीं है।
पिछल्ले पांच सालों से पूर्व पार्षद प्रज्ञा चौरसिया यो तो समाज सेवा के विभिन्न माध्यमों से जुड़ी रही है। लेकिन साथ ही अपने माता व पिता को भी अपने घर में ही रखकर उनकी सेवा करते हुए समाज में, उन परम्पराओं के लिए उल्ट उदाहरण भी देती है, जो हमें यह बताती है कि शादी के बाद बेटी मां-बाप के लिए ”परायी हो जाती है। हालाकि उनके पिता जी श्री अरविन्द भाई आज भी जीवित है। और वे अपनी बेटी के इस पुनीत कार्य से काफी आत्मगौरवान्वित महसूस करते हुए कहते है कि, हमें भले ही भगवान ने बेटा नहीं दिया। लेकिन उसकी कमी भी आज तक हमें महसूस नहीं होने देते है।
शायद ऐसी किस्मत समाज में हर उस वृद्ध को नहीं मिलती जो अपने बेटों या फिर संतान के द्वारा ही दरकिनार कर दिए जाने के कारणों से वृद्धा आश्रम में ही अपने जीवन की शेष रह गए क्षणों का आपस के सहारें से गुजारते है।
खैर इसी क्रम में पहल करते हुए सिरोही जिलें से राजस्थान सरकार में गौपालन,डेयरी व देवस्थान विभाग के मंत्री ओटा राम देवासी ने भी पहल कर प्रज्ञा चौरसिया के घर पर जाकर उनकी मां के देहांत पर उन्हें सांत्वना दी और उनके इस कार्य को सराहा । उनके साथ में सिरोही भा ज पा के जिला ध्यक्ष लुम्बा राम चौधरी,तीर्थ गिरी महाराज,संघ के जिला प्रचारक स्वरूप दान चारण,क्षेत्रीय विद्यायक समाराम गरासिया, समेत जिलें के अन्य पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।