– ईओ के अभाव में खानापुर्ति साबित हो रहा है प्रशासन शहरो के संग अभियान
– कार्मिको की कमी के कारण जनप्रतिनिधियों ने बना ली दूरी
– गाजे बाजे के साथ पदभार ग्रहण करने पहुचें ईओ पदभार ग्रहण करते ही हुए रवाना
आबूरोड। अमजन को पटटों व दूसरे कार्यों से राहत देने के उद्देश्य से दो अक्टूबर गांधी जयंती से शुरू किया गया प्रशासन शहरों के संग शिविर महज खानापूर्ति बनकर रह गया है। वन्य भूमि पहाड़ों पर बने मकानों व कच्ची बस्ती में पटटों पर रोक के आदेशों का असर शिविर में साफ नजर आ रहा है। शिविर में अब कार्य नहीं होने के कारण लोग शिविर से दूरी बनाने लगे हैं। इसका असर अब देखने को मिल रहा है वही अब तक चार अधिशषी अधिकारी बदल जाने से शिविर आमजन को मोह भंग होने लगा है। सरकार ने एक अच्छी सोच के साथ प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरूआत की थी लेकिन आबूरोड नगर पालिका में कोई भी कर्मचारी व अधिकारी रहना नही चाहता इसकी वजह क्या है ये तो जांच का विषय है लेकिन सरकार को जल्द इस तरफ ध्यान देकर एक स्थाई अधिकारी की नियुक्ति करनी चाहिये जिससे की सरकार की योजना का लाभ आमजन को मिल सके एवं सरकार ने सत्ता में आने से पहले जो वादे जनता के साथ किये थे वे पूरे हो सके। प्रशासन शहरों के संग शिविर में अब तक कोई स्थाई अधिशाषी अधिकारी नही होने के साथ ही कार्मिको की भारी कमी के कारण शिविर हवाहवाई साबित होने लगे है। प्रशासन शहरों के संग शिविर से तो अब नगर पार्षद भी नदारद रहने लगे हैं। पार्षदो का कहना है कि शिविर में अभी कार्य नहीं होने के कारण शिविर में कोई कार्य नहीं हो रहे हैं।
– लईक अहमद