आबुरोड | एक एसा शहर जो राजस्थान के बड़े शहरो में शुमार होने के लिए पूरी तरह सक्षम है, जहा विध्यार्तियो के अध्यन के श्रेष्ट से श्रेष्ट स्कूल है, एवं आमदनी कमाने के लिए आपार मार्बल इंडस्ट्री व अन्य व्यवसाय है, वह शहर जो राजस्थान के इकलोते पर्यटन स्थल माउंट आबू से जुड़ता है, वह शहर जो गुजरात की सीमा सा जुड़ा है, वह शहर जो राजस्थान को मजबूत करने में पूरी तरह सक्षम है क्यों वो शहर आज भी अपने विकास के लिए इंतज़ार कर रहा है |
आज जितने भी मशहूर शहर है उनके पिच्छे एक ही कारण है उनका विकास पर्यटन व व्यवसाय के द्रष्टि कोण से किया जा रहा है, आबूरोड में व्यवसाय की ढेरो संभावनाए है और साथ ही एक बड़ा पर्यटन स्थल आबूरोड में बन जाए तो ना ही वह केवल शहरवासियो की मुस्कुराहट बनाये रखेगा बल्कि शहर की तरक्की के फ़रिश्ते इस शहर पर दस्तक देंगे |
माउंट आबू जो की अपने अनेको पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है जिनमे से नक्की झील इस पर्वतीय पर्यटन स्थल की जान है उसी तरह अगर अबुरोड़ के दुधिया तालाब का विकास किया जाए तो इस शहर को चार चाँद लग जायेंगे, पिछले वर्ष हुई बारिश के बाद पहली बार यह तालाब पूरा भरा दिखाई दिया लेकिन पानी के रिसाव के कारण आज वह तालाब फिर खाली है, क्यों प्रसाशन इस तालाब व अबुरोड़ के विकास के प्रति चिंतित नहीं दिख रहा |
तालाब की हो तुरंत मरम्मत
जून महिना अब खत्म ही होने को है और हलकी बारिस अभी से आना शुरू हो चुकी है, पिछले वर्ष अगर तालाब की सही समय पर मरम्मत कर दी होती तो आज यह एक बड़े पर्यटन स्थल के तोर पर निखर आता लेकिन जो भूल पहले हो गई उसे अब क्यों ठीक नहीं किया जा रहा | प्रसाशन को तुरंत प्रभाव से तालाब के विकास की रणनीति बनानी होगी, तालाब से हो रहे पानी के रिसाव को कैसे रोका जाए और तालाब में पानी को कैसे रोका जा सके उस पर आज से कार्यवाही करने की आवश्यकता है | इस बारिश का पानी तालाब में रोका जाए जिससे की यह तालाब एक बड़ा एवं मनमोहक झील पर्यटन स्थल बन सके |
कहते ही मोदी जी जादुकर है फिर उनकी छड़ी यहा क्यों नहीं घूम रही
आज पुरे विश्व में मोदी सरकार की चर्चा है, मोदी सरकार का हमेशा से कहना रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ वो अब होगा तो फिर ये तालाब और आबू का विकास कब होगा, भाजपा सरकार आये अरसा हो गया लेकिन सरकार ने शहर की सूद तक नहीं ली, क्या मोदी सरकार के बोल बचन है अगर नहीं तो फिर विकास कहा है, विकार दूर उस पर चिंतन तक नहीं एसा क्यों |
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