राजस्थान विद्या भारती के संगठन मंत्री शिवप्रसाद ने कहा है कि माउंटआबू का आदर्श विद्या मन्दिर शंकर विद्यापीठ कई वर्षों से अपने अनूठे शिक्षा के लिए जाना जाता है जहां की शिक्षा में संस्कारों की माला पिरोई हुई जो एक विद्यार्थी को उसके भविष्य में सर्वगुण संपन्न बनाकर उसे एक उत्तम विद्यार्थी बनाती है। राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंटआब के शंकर विद्यापीठ में इस बार मातृ शक्ति पूजन का महापर्व अलग अंदाज में मनाया गया। राजस्थान पधारो म्हारो जैसे अद्भुत टैगलाइन के लिए मशहूर है। यानी अतिथि का आगमन जहां सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम माना जाता है। इस बार के मात्र शक्ति पूजन के दौरान ऐसा लगा जैसे विद्यालय के प्रांगण में राजस्थान की संस्कृति और आत्मा का शाश्वत प्रवाह हो रहा है। विश्व प्रसिद्व कथाकार कबिर आश्रम तखतगढ के संत अभयदास महाराज ने माउंटआबू के शंकर विद्यापीठ में मातृ शक्ति पूजन का आरंभ इस बार बिल्कुल निराला है। सभी लोग राजस्थानी वेशभूषा में दिख रहे थे। हमें आज इस कार्यक्रम से पे्ररणा लेनी चाहिए कि माता का इतिहास गौरवमय रहा है और हमें अपने माता पिता के प्रति सम्मान बनाए रखना चाहिए।
इस कार्यक्रम में राजस्थानी वेशभूषा से राजस्थान की झलक और टूरिज्म पधारो म्हारो देश की छंटा तो बस देखते ही बन रही थी। सभी विद्यालय के बच्चे राजस्थानी पोशाक से सुस्जज्ति थे । उनके माता पिता भी राजस्थानी वेशभूषा में आए थे। इस बार का यह थीम मातृ शक्ति पूजन को राजस्थान को विविध रंगों में रंगता नजर आ रहा था। इस अवसर पर मातृशक्ति कार्यक्रम के अलावा देश भर से आए अतिथियों को राजस्थान के परंपराओं और इतिहास से रूबरू कराया गया।
माउंटआबू में वार्षिक उत्सव मातृ शक्ति पूजन समारोह के दौरान उमड़े। माउंटआबू के आदर्श विद्या मंदिर शंकर विद्या पीठ में मातृ शक्ति पूजन समारोह भव्य तरीके और धूमधाम से शुरू हुआ। वार्षिक उत्सव मातृ शक्ति पूजन समारोह विद्यालय के प्रांगण में इस महान उत्सव का शुभारंभ देश राजस्थान के भव्य इतिहास के साथ शुरू हुआ। सभी लोगों को राजस्थान से जुड़ी अद्भुत एतिहासिक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इस मौके पर मातृ शक्ति पूजन का दृश्य सबको भाव-विभोर कर देनेवाला था। महिलाओं को सम्मान देने और उनके आदर की यह परंपरा शंकर विद्यापीठ की परंपरा है जिसमें शामिल होने के लिए हर साल भारी तादाद में देशभर से महिलाएं और पुरुष आते है। लगभग पांच हजार लोग जमाव बिंदु पर पहुंच चुके माउंटआबू के ठंड में भी इस अद्भुत सालाना समारोह में नजर आए।
इस बार सभी अभिभावकों को राजस्थानी वेशभूषा में आना था। लिहाजा आदर्श विद्या मंदिर शंकर राजस्थानमय हो गया। सभी अभिभावक राजस्थानी वेशभूषा में आए थे। अभिभावकों में पिता और मां सभी राजस्थानी वेशभूषा की रंगों में दिखे। यह समां पूरे माहौल को आकर्षक बना रहा था। यह सबकुछ बस ऐसा था जैसे पूरे राजस्थान की संस्कृति आदर्श विद्या मंदिर में स्थापित हो गई हो।
मातृ शक्ति पूजन शुरू हुआ जिसमें एक विद्यार्थी अपने मां की पुजा करता है। अपने-अपने विद्यालय के बच्चों ने एक थाल में तिलक और माला लेकर सबसे पहले अपनी मां के चरण स्पर्श किए।
तिलक लगाने के बाद उन्होंने अपनी मां को माला पहनाया। ऐसे करते अपने बच्चों को देख कई मां की आंखों में आंसू की अविरल धारा बह चली। यह दृश्य सबको भाव-विभोर कर देने के लिए काफी था
क्योंकि ऐसा दृश्य सिर्फ हिंदुस्तान की पावन धरती पर ही देखने को मिल सकता है जहां शाश्वत संस्कृति की शाश्वत धारा बहती है। यहां माता के उस शक्ति के पूजन होती है जिससे समूचे विश्व का आधार और निर्माण सुनश्चित हुआ है। इस अवसर पर माउन्ट आबू नगरपालिका के अध्यक्ष सुरेश थिंगर, नगरपालिका आबू रोड के अध्यक्ष सुरेश सिन्दल, विद्या भारती जोधपुर के सचिव महेन्द्र दवे, राष्ट्रीय स्वंय सेवक संध राजस्थान क्षेत्र के प्रचारक दुर्गादास सिरोही जिले के आरएसएस प्रमुख अशोक चुर्तवेदी, वायु सेना माउन्ट आबू के गु्रप केपटन ए बी खेडवाल सहित अतिथियो ने विद्यार्थियों को आर्शीवाद दिया। विद्यालय के प्रचार्य पी सी सुथार ने कार्यक्रम का संचालन किया और विद्यालय के कोधाष्यक्ष गोपाल सिंह जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।