माउण्ट आबू में गंदगी की बानगी तो प्रदेश की मुख्यमंत्री ने भी अपने मंत्री समूह के माध्यम से सुन ली है। उसके बाद भी जो सुधार प्रदेश की सबसे पहली एवं धनी व साधन समपन्न नगर पालिका से अपेक्षित होने चाहिए थे। वह शनिवार तक भी माउण्ट आबू की सडक़ पर नजर नहीं आए। और जो भी कुछ कैमरे की तस्वीर में नजर आया वह था,सडक़ के किनारें फैला कुड़ा, बिखरा हुआ कचरा, ना के बराबर बारीश होने के बावजूद भी मुख्य मार्ग पर जमा कीचड़ ।
अब यह बानगी भी जब नजर आ रही है। जब प्रदेश की मुखिया मुयमंत्री माउण्ट आबू में विभिन्न स्थानों पर फैली गंदगी के विषय में अपनी नाराजगी मंत्री समूह की बैठक में जाहिर कर चुकी है।
ऐसे में यह प्रश्न तो लाजिमी ही है कि,सडक़ पर कूडें के रूप में जो कुछ भी नजर आ रहा है, वह फैला हुआ कचरा है, और नगर पालिका की नाकाम एवं नाकारा हाल की सच्चाई है। ना कि, लोगों के द्वारा किए गए शौच या गंदगी से उत्पन्न कोई ओर परेशानी।
यह तस्वीरें शनिवार को देापहर तीन बजें के बाद से लेकर शाम पांच बजें तक के मध्य में ली गयी। ओर इन तस्वीरों में जो वास्तविकता व सच्चाई नजर आ रही है,पालिका के पालनहार अध्यक्ष एवं सरकारी हाकम आयुक्त के द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण या सफाई से तो,बिल्कुल ही विपरित ही परिलक्षित हो रहा है।
अब अपने प्रयासों से -पर्यटन स्थल को साफ– स्वच्छ रखनें में नाकाम रहने वाली माउण्ट आबू की नगर पालिका के लिए स्थानीय व्यवस्था का आसरा छोड़ कर वह वर्तमान में पालिका की अधिकारी व कार्मिक व्यवस्था में स्वयं अपने स्तर पर ही बदलाव कर इस पर्यटन स्थल को साफ– स्वच्छ बनाने के उपाए अपनाने होगें। तभी इस पर्यटन स्थल को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साफ भारत स्वच्छ भारत का साकार रूप यहां पर आने वाले सैलानियों व आम जनता को सुलभ हो पाएगा।
वर्ना तो अपनी नाकामी व नाकारा व्यवस्था को छुपाने के लिए इन पालिका के अधिकारियों व अध्यक्ष के पास इतने तर्क उपलब्ध हे कि उन पर अमल करें तो संभवतया देशभर के स्थानीय निकाय सफाई के विषय में कभी रोल मॉडल अथवा नजीर ही प्रस्तुत नहीं कर पाएंगें।
अधिकारी कहिन –: मंत्री समूह ने तो सुबह जल्दी में भ्रमण किया तो गंदगी सडक़ पर दिखनी ही थी। लेकिन आज हम सुधार कर रहे है।
प्रश्न – गंदगी व अव्यवस्था तो आज भी है, फिर सुधार कैसा ?
उत्तर – सभी वार्डो में सफाई कार्मिकों के साथ में जमादार को पहले ही पांबंद किया हुआ है। अब अलग से सुबह व शाम को पालिका के सभी अधिकारी नियमित मॉनीटरिंग भी कर रहे है। और सरकार से मांग भी की गयी हे कि, वे हमें अलग से कुछ मॉडर्न इक्यूपमेंट व संसाधन व सफाई कार्मिकों को बढ़ाने की व्यवस्था करावें तो रोजाना के मुकाबलें कुछ और बेहतर कर पाएंगें।
जब कि इन सबके बाद में तस्वीरों में दावों एवं किए जा रहे प्रयासों की हकीकत स्वत: ही अपनी सच्चाई बंया कर रही है।