सिरोही। सिरोही के ऐतिहासिक प्राचीनतम जनभावनाओ के धार्मिक आस्था के केन्द्र लाखेलाव तालाब की खुदाई व सौन्दर्यकरण को लेकर गत सप्ताह से चल रहे हंगामाखेज प्रकरण में भले ही रविवार को सर्किट हाऊस में प्रभारीमंत्री ओटाराम देवासी की जिला कलेक्टर वी.सरवन कुमार की उपस्थिति में हुई मध्यस्थता वार्ता के बाद सिरोही नगर परिषद के सभापति व दानदाताओ के प्रतिनिधियो के मध्य लाखेलाव तालाब व अन्य 7 तालाबो की डी सिल्टिंग पर तथाकथित समझौता व सहमति की भावना बनी हो लेकिन जिस प्रकार इस बैठक में जिला कलेक्टर वी. सरवन कुमार तालाब की डी सिल्टिंग के दौरान दानदाताओ की कमेटी को डी सिल्टिंग के आदेश तथा सभापति शामिल नही करने के मसले पर तहसीलदार द्वारा काम रूकवाने के निर्देश एवं डाक बंगला में हुई हंगामाखेज बैठक के बाद दानदाताओ द्वारा कार्य की लिखित सहमति वाटर एटीएम व लाखेलाव तालाब की डी सिल्टिंग के मसले पर नही मिलने व जिला कलेक्टर द्वारा इसी मिटिंग में सात दिवस में संबंधित महकमो से तकनीकी मजदूरी के बाद सहमति देने के निर्देशो के बीच वकील समूह द्वारा अतिरिक्त जिला कलेक्टर पी.एस. नागा को तालाब की डी सिल्टिंग रोकने तथा अन्य कई गंभीर आरोप तीन पृष्ठ की शिकायत में देने के बाद कांग्रेसी पार्षदो द्वारा एसडीएम को दिये ज्ञापन में कार्य की अनुमति नगर परिषद बोर्ड से नही लिये जाने तथा मिट्टी को बेचे जाने के ज्ञापन के साथ पूर्व विधायक संयम लोढा द्वारा भामाशाहो के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रमुख शासन सचिव खनन दीपक उत्प्रेती को डी सिल्टिंग व अवैध खनन के मसले पर विरोध जताने के साथ दानदाता आदर्श चेरिटेबल ट्रस्ट के मुकेश मोदी की प्रेस काॅफ्रेस के बाद सभापति ताराराम माली के व्यवहार को अफसोस जनक एवं बालहठी बताने तथा सभापति द्वारा लाखेलाव तालाब को नगर परिषद के स्वामित्व का बताकर बगैर उनकी परमिशन के डी सिल्टिंग नही करने की खबरे मिडिया में छपने व इलेक्ट्रोनिक मीडिया में दानदाताओ के हाथ वापिस खिचने से राज्य सरकार को लाखो का घाटा की खबर चलने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय तक इसकी गुंज पहुंचने के बाद प्रभारीमंत्री ओटाराम देवासी व जिला कलेक्टर को भी राज्य सरकार को लगातार इस मसले पर जवाब देने में भारी मशक्कतो का सामना करना पडा। और जिला कलेक्टर बैठक में आक्रोशित हो गये।
हालांकी दानदाताओ के आक्रोश एवं भाजपा के ही जनप्रतिनिधि पार्षदो, सभापति व सिरोही नगर मण्डल के नगर अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी के भी रोष को भाप प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी ने 5 दिवसीय प्रकरण में शुक्रवार तक सभी पक्षो के भावो को समझ सर्किट हाऊस में मध्यस्थता बैठक रखी। तब दानदाताओ के प्रश्न पर जिला कलेक्टर वी. सरवन कुमार बिफर गये। उन्होने कहा कि दानदाता कोई टाटा बिरला नही है जो 11 लाख रूपये देकर प्रशासन से कुछ भी करवा देंगे। राज्य सरकार व जिला प्रशासन सक्षम है और दानदाता सहयोग के लिये पीछे पीछे घुमते है।
मैने सदभावना से तालाब खुदाई के लिये मेरे पास आये प्रतिनिधि मण्डल को सभापति नगर परिषद को शामिल कर डी सिल्टिंग बात कही थी और न ही मैने तालाब का काम बंद करवाया तो फिर राज्य सरकार में दानदाता व नगर परिषद के नाम पर बवेला क्यो मचा है जवाब तो मुझे देना पडता है। उन्होने यहा तक कहा कि अगर दानदाता सहयोग देना नही चाहते है तो सिर्फ श्रमदान भी करें। आपका मकसद ताराराम माली सभापति को फैल करना है। इस बात पर विक्रमपालसिंह ने आपत्ति जताई। जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन राज्य सरकार व प्रभारी मंत्री के निर्देशो के तहत कार्य करता है एवं तालाब की डी सिल्टिंग का काम कभी नही रूका। मामले को बिगडने से पहले प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा की अब सब पिछला भूलो तथा नगर परिषद व दानदाता सभी मिलकर कार्य करे। जिसमें जनता व जनप्रतिनिधियो का सहयोग ले। राज्य सरकार की तरफ से धन की कोई कमी नही आयेगी एवं वाटरएटीएम भी कलेक्टर परिसर, पुलिस लाईन और बस स्टेण्ड पर लगेगे तथा लाखेलाव तालाब की डी सिल्टिंग के दौरान कोई भी व्यक्ति एवं किसान निःशुल्क मिट्टी लेकर जा सकता है एवं 7 अप्रेल को समारोहपूर्वक श्रमदान कर तालाब डी सिल्टिंग का कार्य होगा तथा गंदे पानी की आवक को रोकने का भी प्रबंध होगा।
हरीश दवे, सिरोही