स्वैच्छिक रक्तदान में केवल 450 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 450 मिली खून तीन जिन्दगियों को बचा सकता है। सही समय पर रक्त न मिलने की वजह से प्रति वर्ष देश में बहुत सारे जरूरतमंदों की मौत हो जाती है। सड़क दुर्घटना, गर्भावस्था से गुजर रही महिलाएं, बड़ी सर्ज़री वाले मरीज, कैंसर के शिकार व्यक्तियों व थैलीसीमिया के शिकार बच्चों को सुरक्षित रक्त की बेहद आवश्यकता होती है।
रक्त से रक्त अवयवों को अलग कर जरूरतमन्द मरीजों को चढ़ाने से रक्त की बचत होती है, जो इस देश के लिए आवश्यक है । एक यूनिट ब्लड से कई अवयव तैयार किए जा सकते हैं, जैसे- लाल रक्तकणिकाएं, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा आदि। किसी मरीज को केवल वही अवयव चढ़ाया जाता है जिसकी उसे जरूरत होती है।
रक्तदान के फायदे
बीएल कपूर मेमोरियल अस्पताल के ट्रांसफ़्यूजन मेडिसीन विभाग की डॉ. रसिका सेतिया के अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान से फायदे ही फायदे हैं । उनके अनुसार रक्तदान करके न सिर्फ किसी की ज़ि़न्दगी बचाने जैसी अनमोल खुशी मिलती है बल्कि इससे हमारी सेहत को भी लाभ पहुंचता है।
* दिल के रोगों की संभावना कम होती है- यह पाया गया है की खून में लौह तत्व का स्तर बढ़ने पर हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। नियमित तौर पर रक्तदान करने से फालतू लौह तत्व शरीर से बाहर (खासकर पुरुशों के मामले में) चला जाता है। इस प्रकार हृदयाघात का जोखिम एक तिहाई तक कम हो जाता है।
* नई लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है- रक्तदान करने वाले व्यक्ति के शरीर से खून निकल जाने पर लाल रक्त कोशिकाओं में कमी आ जाती है। इनकी पुन: पूर्ति के लिए हमारी मज्जा तुरन्त नई कोशिकाओं के उत्पादन में लग जाती है और इस तरह हमारा खून स्वच्छ व नया हो जाता है।
* कैलोरी घटती है- नियमित तौर पर रक्तदान करके आप फिट रह सकते है |
रक्त दान शिविर
दिनांक: 10/04/2016
समय: 8:30 am से 3:00 pm
स्थान: ग्लोबल हॉस्पिटल, आबू पर्वत
संपर्क: 94141 53554
संयोजक: सुधीर जैन, माउंट आबू
ब्लड डोनेशन को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट न होने के चलते बहुत से लोगों के मन में ब्लड डोनेशन को लेकर दुविधा बनी रहती है। ब्लड डोनेट करना क्यों जरूरी है:
– ब्लड डोनेट कर एक शख्स दूसरे शख्स की जान बचा सकता है।
– ब्लड का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है।
– देश में हर साल लगभग 250 सीसी की 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। सिर्फ 5,00,000 यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है।
– हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है।
– आंकड़ों के मुताबिक 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है।
क्या हैं फायदे
– ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है।
– एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।
– ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।
– ब्लड डोनेशन सुरक्षित व स्वस्थ परंपरा है। इसमें जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।
ब्लड डोनेट करने से पहले
– ब्लड देने से पहले मिनी ब्लड टेस्ट होता है, जिसमें हीमोग्लोबिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर व वजन लिया जाता है। ब्लड डोनेट करने के बाद इसमें हेपेटाइटिस बी व सी, एचआईवी, सिफलिस व मलेरिया आदि की जांच की जाती है। इन बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर डोनर का ब्लड न लेकर उसे तुरंत सूचित किया जाता है।
– ब्लड की कमी का एकमात्र कारण जागरूकता का अभाव है।
– 18 साल से अधिक उम्र व 45 किलो से अधिक वजन वाले रक्त दान के लिए सक्षम है |