27/02/2015 आबू रोड, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का नारे लेकर जब भारत के प्रधान मंत्री ने हाथ में जादू उठाया तो लगा के भारत का कोना कोना पारस की तरह चमक उठेगा, कहावत है की अकेला चन्ना बाड नहीं फोड़ता, उसी तरह भारत की हर एक संगठन को मोदी जी के सपने को स्वंय का सपना बना करके ठोस कदम उठाने होंगे |
अगर हम स्वच्छ भारत की कल्पना करे तो प्रसाशन और नागरिक को एक साथ स्वच्छता की जिम्मेदारी उठानी होगी, लेकिन आम नागरिक को मज़बूत करने के लिए प्रसाशन को स्वच्छता के मुद्दे को गंभीर रूप से देखना होगा |
हाल ही में सफाई के नाम पर खुले नाले एवं शतिग्रस्त सड़क, आबू रोड के लोगो के नाक में दम कर दिया है, जहा एक और लोगो को गन्दी बदबू को सेहन करना पड़ता है वही दूसरी और बेहाल सड़क मोत को बुलावा देती नज़र आ रही है |
कई बार सोच के हेरानी होती है की प्रसाशन के लोग भी तो हमारे में से सी एक है, तो फिर ऐसा क्या राज़ है उस गद्दी का जिसपे बैठते ही नेता अपने वादे जट से भूल जाते है, भारत के प्रधान मंत्री के सपने को चूर चूर कर अपने कर्त्तव्य का पूरा करने में विफल हो जाते है, आखिर एसी भी क्या मज़बूरी होती होगी एक नेता की, वो अपने लोगो के प्रति अपने कर्तव्यों को भुल जाते है |
उम्मीद करते है इस लेख को पढ़ कर हमारा प्रसाशन इस मसले को गंभीरता पूर्वक ले, और जल्दी ही आबू रोड के नागरिको को इस परेशानी से निजात मिले |
News Courtesy: Sanjay Agarwal
Pic Courtesy: Laieq Ahmed