आबूरोड | गौ रक्षा को लेके आज अनेक कदम उठाये गए है और फलस्वरूप काफी हद्द तक गौ माता को कत्ल खानों में जाने से बचाया जा रहा है वैसे ही पशुओ को लेके कुछ और ठोस कदम व नियम की आवश्यकताए है जैसे की खासतोर पर बाज़ार में घूमते आवारा व पालतू पशु |
कई लोग घरो में भेड़, बकरी, गाय, बैल, गोडे जैसे अनेक पशु पालते है लेकिन उनके लालन पालन के लिए उन्हें खुला छोड़ देते है एवं कई ऐसे पशु है जिनका कोई मालिक नहीं होता और वे आवारा जानवर बनकर अपनी भूक मिटाने के लिए दर बदर भटके रहते है |
बैलो का आये दिन बढ़ रहा आतंक
आबुरोड का बाज़ार वैसे ही बहुत सकडा है, त्यौहार पर तो मानो कोई घूम जाए एसी भीड़ होती है, इसी बीच अगर दो बैल आपस में भरे बाज़ार में झगड जाए तो आप अंदाज़ा लगाये कितनी जान/ माल की हानि होगी; हाल ही में आबूरोड़ दो दिन में दो अलग जगह बैल झगड़ पड़े |
१) पहला हादसा रेलवे स्टेशन के सामने हुआ जहा दो बैल झगडते हुए एक दूकान से भीड़ गए और दुकान का सामान तेहस नहस कर दिया |
२) वही दूसरा हादसा बी.एस मेमोरियल स्कूल के सामने हुए जहा दो बैल लड़ते हुए बीच सड़क में आ गये और बाइक सवार दो लोगो से टकरा गए, गौरतलब है दोनों युवक को मामूली चौट आइ लेकिन उनकी जान बच गयी |
इन हादसों के बाद भी कोई एसा कदम नहीं लिया गया है जिसको देखते हुए यह लगे की आने वाले समय में फिर से एसी घटना घटित नहीं होगी |
पालतू पशुओ के मालिको पर लगे जुर्माना
बाज़ार में आवारा घूमते पशुओ में आधे से ज्यादा पालतू होते है जिनके मालिक उन्हें खाने पिने के लिए बाज़ार में छोड़ देते है, एसे मालिको पर जुर्माना लगा जाए यहाँ फिर उन्हें कानून के आधार पर अपने पशुओ के लालन पालन के लिए मजबूर किया जाये |
तुरंत प्रभाव से आवारा पशुओ को किसी दुसरे स्थान पर छोड़ा जाए जहा भीड़ ना हो साथ ही आस पास गास पूस का इंतजाम हो |
इससे पहले की कोई जान हानि हो प्रशसान व नगर पालिका जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कार्यवाही करे |