30/12/2014 माउंट आबू, नए साल के आगाज से ठीक दो दिन पहले ठंड ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया। माउंटआबू में पारा लुढ़कते लुढ़कते जमाव बिंदु से नीचे पहुंच गया है। माउंटआबू में पारा गिरकर शून्य से एक डिग्री नीचे पहुंच गया है जबकि यहां से सटे कुमारवाड़ा का तापमान शून्य से 4 डिग्री नीचे चला गया है। अब इस ठंड का आलम यह है कि जो सैलानी नए साल का जश्न मनाने पहुंचे है कहीं उनके जश्न में यह ठंड बाधा बनकर नहीं खड़ा हो जाए। क्योंकि मौसम विभाग के मुताबिक पारा अगले कुछ दिनों में और गिरने के आसार है। लिहाज ठंड औक मुसीबत बढ़ानेवाली है।
शहर के ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड़ का रूआब कुछ और ही तस्वीर बंया कर रहा था। अल सुबह जब सोलर प्लेटों से पानी की सप्लाई चालू करने के लिए स्विच ऑन किया गया तो अधिकांश स्थानों पर सोलर सप्लाई पानी जम जाने से काफी देर तक बाधित होती रही। बाद में धूप निकलने के बाद में जब बर्फ की पिघली तो पहले पानी के निकलने साथ में मोटी मोटी बर्फ की जमी हुई परते बाहर आई।
पर्वतीय पर्यटन स्थल के सर्वाधिक ठंड़ा रहा। अल सुबह नश्तर चुभोने वाली ठंड़ से लोगों ने बचने के लिए गर्म लबादों व अलाव जलाकर राहत पाने का जत्न किया तो वहीं पर शहर के मैदानी भागों में घास के ऊपर धूप निकलने तक ओस की बूदें जमी हुई मिली पोलो ग्राउण्ड में खडें वाहनों के शीशों पर भी ओंस जम गयी।
माउंटआबू में शून्य से नीचे लुढ़क पारे की वजह से माउंटआबू में अब बर्फ को विभिन्न शक्लों मे देखा जा सकता है। नक्की झील के शिकारों पर यह बर्फ की परत जमी हुई दिख रही है। होटल और रेस्टोरेंट में कांच की तरह यह बर्फ जम गई है। बागानों में हरियाली के बीच बर्फ की जमी हुई चादर देखी जा सकती है जो यह बता रही है कि माउंटआबू में कड़ाके की ठंड आ गई है। अब इस ठंड के बीच यह देखा गया कि वह काफी सुबह तक होटलों से बाहर नहीं निकले। अब नए साल के आगाज में सिर्फ 48 घंटे यानी दो दिन बचे है। अगर मौसम विज्ञान की भविष्यवाणी सच निकली और ठंड ने और कहर बरपाया तो स्थानीय लोगों के साथ नए साल के जश्न मनाने आए सैलानियों का मजा किरकिरा हो सकता है। अब पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों को सैलानियों के कम होने की भी चिंता सताने लगी है कि क्योंकि सैलानी आज कल नए साल का जश्न मनाने के लिए माउंटआबू का रूख करनेवाले है। लिहाजा इस ठंड ने सैलानियों के साथ कारोबारियों के माथे पर भी चिंता की लकीरे खींच दी है।