माउंट आबू | माउंट आबू जो की एक पर्वतीय पर्यटन स्थल होने के साथ साथ एक वन्य अभ्यारण भी है और इसके चलते यहाँ जंगली जानवर जैसे की तेंदुआ, भालू, बारहसिंघा, आदि बढ़ी संख्या में मौजूद है | माउंट आबू में कई भालुओ ने यहाँ के स्थाई लोगो पर हमला किया है तो वही तेंदुए भी अपनी भूक मिटाने के लिए शहर के श्वान तो पंचायत क्षेत्र से गाय को अपना शिकार बना चूका है |
हाल ही में ओरिया निवासी एक व्यक्ति ने अर्जी देकर यह सूचित किया की उनके पशु पालन घर से गाय के बछड़े को तेंदुए उठाकर ले गया, पूर्व में भी ऐसा कई बार हो चूका है की रात्री में तबेले में घुस कर तेंदुए ने गाय को अपना शिकार बनाया हो |
इसका मुख्य कारण है तबेले की बाउंड्री वॉल न होना और यहाँ के नियमो के चलते लोग आज भी बाउंड्री वॉल बनाने की अनुमति की स्वीकृति के इंतज़ार बेठे है और स्वीकृति न मिलने के कारण आय दिन उनके पशुओ को यहाँ के तेंदुए अपना शिकार बना रहे है |
तुरंत प्रभाव से तबेले की सुरक्षा दीवार बनाने की अनुमति स्वीकृत दी जाने के आवश्यकता है नहीं तो माउंट आबू में पशु पालन पर खतरा ऐसे ही मंडराता रहेगा और हो सकता है आने वाले समय में लोगो को मजबूरन पशु पालन छोड़ना पड़े जिसका सीधा असर यहाँ की स्थाई डेरी व्यवस्था पर होगा |
हाली ही में एक रेली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौपालन की महत्वता को बताते हुए यह जिक्र किया की भारत डेरी के क्षेत्र में हर वर्ष करोड़ा का दूध निर्यात करता है और सरकार हर मुमकिन कोशिश कर गौपलको को ओर शशक्त बनाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है ऐसे में माउंट आबू में गौपालन पर मंडराता खतरा फिर सरकार की कोशिशो पर प्रशन खड़े करता है |