बाजार में सजी पटाखे की दुकानें, हो न जाए हादसा
उपखण्ड अधिकारी ने बाजार में लगी पटाखों की दुकानों को बताया गैर कानूनी
पूर्व में भी आग लगने से दुकानदार की हो चुकी मौत
आबूरोड। दिवाली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे ही आतिशबाजी की दुकानें शहर की तंग बाजार व गलियों के साथ घनी आबादी वाले इलाकों में सजनी शुरू हो गई हैं। स्थानीय प्रशासन का अभी तक इस पर ध्यान नहीं है। अभी तक यह भी तय नहीं किया गया है कि इस बार किस स्थान पर आतिशबाजी बिकेगी। ऐसे में बाजार में बारूद के ढेर पर सजी पटाखों की दुकानें हादसों का कारक बनी हुई है।
शासन, प्रशासन की लापरवाही व स्थानीय अधिकारियों की अनदेखी से मौजूदा समय में भी शहर और आसपास के कस्बों में घनी आबादी वाले इलाकों में पटाखों के दुकानों का खुलेआम संचालन शुरू हो गया है। बाजार में सजी दुकानों में बड़े पैमाने पर पटाखों की भंडारण किया गया है। दुकान के बाहर तक पटाखों की नुमाइश लगाई गई है। पांच दिवसीय दीपावली महापर्व के तहत बाजार में बहुत अधिक भीड़भाड़ रहती है। ऐसे में दुकानों के आगे अतिक्रमण कर फैलाकर रखे गए पटाखों में लगी एक चिंगारी बड़े हादसे का सबब बन सकती है। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। हादसे के बाद कुंभकर्णी नींद से जागने वाले अधिकारियों द्वारा बाजार क्षेत्र का निरीक्षण करने तक की जेहमत नहीं उठाई गई। अधिकारियों द्वारा सघन आबादी क्षेत्र व अतिसंकीर्ण बाजार में पटाखों की दुकान संचालकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना संदेह पैदा कर रहा है।
शर्ताे का उलंघन
उपखंड कार्यालय द्वारा आबूरोड क्षेत्र में शर्ताधीन पटाखे विक्रय के लाइसेंस जारी किए गए है। लाइसेंस में दुकानदारों को बाजार में पटाखे की दुकानें नहीं लगाने की शर्त रखी गई। लेकिन, दुकानदारों ने शर्त को हवा में उड़ा दिया। दुकान संचालकों ने आमजन की जिन्दगी को दांव पर लगाते हुए संकीर्ण बाजार में दुकानें लगा ली।
घट चुकी है पहले भी घटना
शहर मे पहले भी इसी प्रकार कि घटना घटित हो चुकी है जिससे दो जनो को अपनी जान गवानी पडी थी। सदर बजार मे ऐसे ही दस साल पहले पटाखो की दुकान मे सुरक्षा इंतजाम नही होने से आग लग गई थी, बजार सकरा होने के कारण मौके पर फायर ब्रिगेड भी नही पहुँच पाई जिससे बजार पूरी तरह जलकर राख हो गया व उसमे दो जनो को अपनी जान गवानी पडी थी।
नही दे रहा प्रशान ध्यान
शहर मे खुले आम बजार के बीचो बिच बारूद बिक रहा है, लेकिन प्रशासन को शहर वासीयो कि जिन्दगी की कोई परवाह नही है, कई बार हासदसे घटित हो चुके है लेकिन फिर भी प्रसाशन देखते हुये भी अपनी आंखे मुंदे हुये है शायद यह फिर से कोई बडै हादसे के बाद ही आपनी आंखे खोलेगा।
जिम्मेदार कौन
बाजार में कुछ दूरी के अंतराल में सजी पटाखे की दुकान में अनहोनी के चलते बड़े हादसे की संभावना रहेगी। दुर्घटना होने पर इसकी जिम्मेदारी किसके सिर होगी। फिलवक्त, अधिकारियों की लापरवाही व बाजार में सजे विस्फोटक पटाखे खतरे का सबब बने हुए है।
करेंगे कार्यवाही
मेने इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करावा दिया है, निर्देष मिलते ही दुकानादारो के खिलाफ कार्यवाही कि जायेगी।
-मनसुखराम डामोर, तहसीलदार, आबूरोड
बाजार में लगी दुकानें अवैध
पटाखो के दुकानदारो को हमने शांतिकूंज पार्क मे दुकान लगाने के लिये लाईसेंस दिये है, बाजार में दुकानें लगाना शर्तो का उलंघन है। बाजार में लगी दुकानें गैर कानूनी है। आप अखबारो मे समाचार लगाये फिर हम कार्यवाही करते है।
-अरविंद पोसवाल, उपखंड अधिकारी, माउंट आबू।