माउंट आबू | राजस्थान का इकलोता पर्यटन स्थल माउंट आबू प्रद्रेश का सबसे सुंदर प्राकर्तिक शहर भी है, जहा मानसून में वनस्पति अपने सबसे चटक रंग में होती है तो ठण्ड में यह शहर बर्फ की सफ़ेद चादर ओढ़ लेता है |
लेकिन इस शहर के लिए यह बड़े ही शर्म और खेद की बात है की यहा का प्रशाशन शहर की सुंदरता को लेकर बिलकुल भी चिंतिंत नहीं है वरना कोई भला शहर के मुख्य मार्गो को यु नज़रंदाज़ केसे करदे ? ताजुब की बात है की क्या शहर के नेताओ के लिए अलग सड़के बनी है अगर नहीं, तो क्या उनका इन रास्तो पर चलते हुए यह गढ़े नहीं दीखते, और अगर उन्हें इसका इल्म है तो क्या वह अपने 1000, 500 के नोट बदलवाने में व्यस्थ है ?
देलवाडा, ज्ञानसरोवर की क्षतिग्रस्त सड़क
इतिहाश की किताबो में दर्ज देलवाडा जैन मंदिर विश्व प्रसिद्ध है, पत्थरो में कारीगरों की अति सुन्दर निकासी देखते ही बनती है लेकिन देलवाडा तक पहुँचने वाला मार्ग प्रशाशन की अपने कर्तव्यों के प्रति जिमेदारिया न निभाने की निकासी को दर्शाता है !
शहर का सबसे व्यस्थ एवं मुख्य मार्ग गढ़ों से भरा
चाचा इण म्यूजियम चौराह शहर का सबसे जाना माना स्थल है एवं आबू वासी हर दिन न जाने कितनी बार इस मार्ग पर चलते होंगे लेकिन इस मार्ग में पड़े बड़े बड़े घड़े हादसों को दस्तक दे रहे है, क्या प्रशाशन कोई बड़े हादसे होने का इंतज़ार कर रहा है ?
– क्या यह सड़क किसी बड़े हादसे के होने से पहले दुरुस्त कि जाएगी ?
– महीनो से टूटी यह सड़को की मरम्मत में आखिर इतनी देरी क्यों ?