फिर गूंजी संसद में माउंटआबू के लोगों की पीड़ा, सांसद देव जी भाई पटेल ने जोरशोर से उठाया मुद्दा


| September 20, 2015 |  

फिर गूंजी संसद में माउंटआबू के लोगों की पीड़ा, सासंद देवजी भाई पटेल ने जोरशोर से उठाया मुद्दा

एक बार फिर लोकसभा में माउंटआबू में जनता की तकलीफों की गूंज सुनाई दी है। सिरोही- जालौर के सांसद देवजी भाई पटेल ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 1982 से माउंटआबू की जनता संवैधानिक अधिकारों के हनन का पीड़ा झेल रही है जिसका अबतक कोई समाधान नही हुआ है। उन्होंने कहा कि आखिर क्या वजह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पाबंदी हटाए जाने के बाद भी माउंटआबू में लोगों को भवन निर्माण एवं आवश्यक मुलभुत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। लोग रोटी-कपड़ा मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है।

माउंटआबू से 800 किलोमीटर दूर देश की राजधानी दिल्ली के सबसे ऊंचे सियासी गलियारे लोकसभा में माउंटआबू में भवन निर्माण और मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा गूंजा। सिरोही- जालौर के बीजेपी सांसद देवजी भाई पटेल ने लोकसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि 1982 से यहां की जनता ना जाने कितने पीड़ाओं को झेल रही है। गौर हो कि देवजी भाई पटेल संसद के लोकसभा में यह मुद्दा पहले भी उठा चुके है।

देवजी भाई पटेल ने कहा कि माउंटआबू पश्चिम भारत का कश्मीर है। यह राजस्थान एवं गुजरात प्रदेश का हृदय स्थल हैं, जिस प्रकार भारत के लिए कश्मीर हैं। माउंट आबू राजस्थान की ग्रीष्मकालीन राजस्थानी कहलाने वाला रमणिय स्थल हैं। यहां हर साल लाखों देशी विदेशी सैलानी आते है।लेकिन यहां भवन निर्माण और विस्तार पर अनावश्यक रोक है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने यह पाबंदी पहले ही हटा ली थी। उन्होंने कहा कि देश का यह इकलौता जगह है जो हिल स्टेशन होने के बावजूद पर्यावरण और अवैध पाबंदियों की आड़ में पिस रहा है।

सांसद पटेल ने लोकसभा को बताया कि सन् 1982 से माउंट आबू में भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाती हैं। स्थानीय लोगों के परिवार में वृद्धि होती हैं, उन्हें रहने के लिए आवास की जरूरत होती हैं। लेकिन आवास निर्माण की अनुमति नहीं मिलने के कारण लोग परेशान हैं। इसकी वजह से यह आलम है कि सास बहू बेटा सभी एक ही कमरे में रहने के लिए बाध्य है। स्थानीय लोगों को आज तक तक भवन निर्माण और उसके विस्तार की अनुमति नहीं मिल रही हैं।

सांसद देवजी पटेल ने संसद के माध्यम से केन्द्र सरकार से मांग रखते हुए कहा कि हिल स्टेशन एवं विश्व प्रसिद्व पर्यटन स्थल माउंट आबू में मास्टर प्लान लागू कर भवन निर्माण की अनुमति प्रदान करावें। ताकि स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों को आवास से निजात मिल सकें एवं माउंट आबू की रोनक वापस लौटाई जा सकें। उन्होंने कहा कि माउंटआबू की खूबसूरती और वहां के लोगों को हितों की खातिर वहां जल्द से जल्द माउंटआबू का मास्टर प्लान लागू किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यहां मास्टर प्लान अबतक लागू नहीं हुआ है ।पर्यावरण , अवैध पाबंदी के नाम पर माउंटआबू के लोगों की तकलीफ को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाए जाने चाहिए। यह दूसरी बार है जब पटेल ने यह मुद्दा संसद में जोरशोर से उठाया है इसके पहले भी वह संसद में यह मुद्दा उठा चुके है।

 

 

Comments box may take a while to load
Stay logged in to your facebook account before commenting

[fbcomments]

Participate in exclusive AT wizard

   AT Exclusive    Writers   Photography   Art   Skills Villa