प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री वासु देवनानी अपने दो दिवसीय दौरें पर माउण्ट आबू में पधारे। रविवार की देर रात्रि में माउण्ट आबू में पहुंचनें पर भाजपा कार्यकर्ताओं समेत प्रगतिशील शिक्षक संघ के पदाधिकाधिकारियों ने उनका फूल माला पहनाकर के भव्य स्वागत किया।
स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर शंकर विद्या पीठ में शिक्षण व्यवस्था व छात्रों के बारें में विस्तार से जाना। संध पदाधिकारियों से भी भेंट की। बाद में वे देलवाड़ा जैन मंदिर व हनीमून पॉइट स्थित गणेश मंदिर गए।
नेशनल दुनिया से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि, प्रदेश में शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर की कई हजार विद्यालयों का पुर्नगठन करने का कार्य किया है। प्रदेशभर में शिक्षा विभाग व राजस्थान सरकार का यह प्रयास है कि,छात्रों को कक्षा एक से लेकर बाहरवीं तक की शिक्षा एक ही विद्यालय में सुलभ हो इसके लिए राज्य सरकार एकीकरण के क्रम में क्रमोन्नत हुए विद्यालयों में सभी सुविधाएं सुलभ करवा रही है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ानें के लिए पांच हजार स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। इसमें इस सरकार की पहल के रूप में एक ही वर्ष में कक्षा एक से पांच तक शिशु वाटिका खोली गयी है। और आगे प्री प्राइमरी एजुकेशन के सिस्टम को भी लागू करने की योजना सरकार बना रही है।
इसी प्रकार से शिक्षा विभाग एक तरफ तो शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत् है तो दूसरी और विद्याथियों की शिक्षा की मॉनीटरिंग के लिए व सिस्टम में सुधार के लिए अधिकारियों का प्रशिक्षण की व्यवस्था बैंगलोर के अजीज प्रेमजी फाउंडेशन में ले जाकर के प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा हैँ ताकि शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरें। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि पहले सिस्टम में समन्वयता की कमी के चलते अधिकारियों के पद काफी संख्या में रिक्त हुए। अब वसुन्धरा राजे सरकार प्रत्येक शैक्षणिक स्तर व उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने का विशेष ध्यान दे रही है। पहले जहां पर चालीस पैतालिस डी यो ही पोस्टिंग लेते थे,अब इस सरकार में 142 डी यों को पोस्टिंग दी गयी है। बी ई ओं को भी प्रशिक्षण के पश्चात् उन्हें भी प्रशिक्षण व नियुक्ति दी जाएगी। अध्यापकों की समस्याएं व उनकी नियुक्तियों के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि उनकी समस्याएं वास्तव में व्यापक स्तर पर है। इसलिए डी पी सी करवाकर के पहले तो 21 हजार शिक्षकों को नियुक्ति दी जा चुकी है। और इस अप्रेल माह के अंत तक या मई के प्रथम सप्ताह में 12 हजार शिक्षक व 2 हजार प्रिसिफल की नियुक्ति कर दी जाएगी।
नामांकन बढ़ाने के लिए जून के अंतिम सप्ताह में चलेगा अभियान – इस बार ग्रीष्म अवकाश में सात दिनों की कमी की गयी है। राज्य सरकार प्रदेशभर में जून के अंतिम सप्ताह में विशेष अभियान चलाएंगी। जिसमें छात्रों को विद्यालयों में आने के लिए प्रेरित किया जावेगा। यह अभियान में शिक्षक घर घर जाकर के शिक्षा के माध्यम से होने वाले लाभ व प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को मिलने वाले पारितोषिक की जानकारी देगें। इसी क्रम में छात्र के साथ छात्राओं के नामांकन में भी बढ़ोतरी हो इसके लिए सरकार अब नवीं दसवी की प्रतिभाशाली छात्राओं को पन्द्रह अगस्त से पहले ही साइकिल भेंट कर देगी।
दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाली बालिकाओं को अब राज्य सरकार ट्रांसफोर्ट वाउचर्स उपलब्ध करवाएगी। तो गांव में पांच किलोमीटर व मॉडर्न स्कूल में दो किलोमीटर की दूरी पर वैध होगा। इस ट्रांसफोर्ट वाउचर्स की कीमत बीस लेकर पच्चीस रूपए तक होगी। इसी के साथ में प्रदेशभर में दूर दराज के क्षेत्रों व इकॉनोमीकल जोन में एक एक मॉडल स्कूल खोले जाएंगें। और उनका नाम स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल रखा जाएगा। शिक्षक संगठनों के विरोध के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि,शिक्षा विभाग में यद्यपि अभी विद्यालयों का समय बढ़ाने पर शिक्षक संगठन कड़ा विरोध प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन उन्होंने सभी संगठनों से संवाद को बढ़ाने का कार्य किया है। और उन्हे 54 संगठनों की सूची मिली है। उनकों भी संवाद के माध्यम से उचित स्थान प्रदान किया जाएगा। इसी बीच में वे यह भी बोल गए कि सक्रिय तो अभी प्रदेशभर में मात्र चार या पांच ही संगठन है।
News Courtesy: Kishan Vaswani