माउन्ट आबू के चम्पेश्वर गणपति महोत्सव में अन्तराष्ट्रीय जादूगर एचजी ले ने अपनी जादू कलाओ से हजारों बच्चों और आबू निवासियों सहित सैलानियों का भी दिल जीत लिया। ले ने बच्चों से सम्बन्धित एक से एक जादू कला का प्रदर्शन किया और अपनी दिखाई गई 8 कलाओं से सभी को बांधे रखा।
ले का मानना है कि जादू सिर्फ एक कला है और जिसे बखूभी सीखा जा सकता है। ले ने खोज खबर को दी गई विशेष भेंट में कहा कि आज विश्व के अन्दर गिनीज बुक आॅफ रेकार्ड लिमका बुक आॅफ रेकार्ड कई रेकार्ड है लेकिन उन्हे किसी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं।
वे एक मध्यम वर्गीय परिवार से है और आज उनकी कलाओ ने उनका विश्व में नाम किया है। वे विश्व के पहले व्यक्ति है जिन्होने अपनी आखों पर आटा लगाकर सिक्के चिपकाकर और चमडे का पटटा बांध और काली पटटी बांधकर पूरे देश की 48 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की और गिनीज बुक आॅफ रेकार्ड को चैलेंज किया कि ना तो आज और ना ही कभी भविष्य में उनका रेकार्ड तोडा जा सकता है। इसलिए उन्हे गिनीज बुक आॅफ रेकार्ड के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है और वे उसके मोहताज भी नहीं रहे।
उन्होने कहा कि वे जादू का कार्य बच्चों की शिक्षा के लिये और उनके मनोरंजन के लिये करते है और अपनी रोजी रोटी हर कोई कमाता है लेकिन वे हमेशा बच्चों के बीच रहकर अपनी कला का प्रदर्शन करते रहते है। माउन्ट आबू का मैने कश्मीर के रूप में नाम सुना था और आज मुझे माउन्ट आबू देखने को मिला।
मै उदयपुर में एक बहुत बडे कार्यक्रम में आमंत्रित था और जब बताया कि माउन्ट आबू बहुत पास है तो यह मुझे खीच लाया। आज माउन्ट आबू की जनता ने और विशेषकर बच्चों ने जो मेरे प्रदर्शन को सराहा है वह मै अपने जीवन में नही भूला पाएंगा।