भाजपा पूर्व महामंत्री ने लिखा सीएम को पत्र
सिरोही, जिले को उदयपुर संभाग में सम्मलित करने को लेकर भाजपा पूर्व जिला महामंत्री विरेन्द्र सिंह चौहान ने प्रदेश की श्रीमत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में चौहान ने लिखा कि सिरोही जिला दक्षिण में गुजरात, पश्चिम में जालोर, उत्तर में पाली एवं पूर्व में उदयपुर जिले से भौगोलिक दृष्टि से जुड़ा हुआ है। जबकि प्रशासनिक दृष्टिकोण से जोधपुर संभाग में सम्मलित किया गया है,जो अव्यवहारिक है।
जिले की जनता द्वारा कई बार सिरोही जिले को जन सुविधाओं के कारण उदयपुर संभाग से जोडा जाने से भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो उदयपुर जिला मुख्यालय से 128 किलो मीटर दूरी है एवं जिले की प्रत्येक तहसील से मात्र 160 किलो मीटर से अधिक दूरी नही है,जबकि जोधपुर सिरोही जिला मुख्यालय से करीब 200 किलो मीटर एवं दक्षिण छोर आबूरोड से 300 किलो मीटर है।
वहीं पयर्टक क्षेत्र में आबूपर्वत, उदयपुर, नाथद्वारा, हल्दीघाटी एवं चित्तोड का कोरीडोर सर्कल है, इस प्रकार से संभाग मुख्यालय उदयपुर होने से भी सिरोही जिले को अधिक लाभ होगा। चौहान ने अवगत कराया कि जिले के अधिकांश गंभीर रोग से ग्रस्त मरीजों एवं दुर्घटना मे गंभीर घायलों को तत्काल अतिआवश्यक आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उदयपुर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अन्य निजी अत्याधुनिक के लिए रैफर किया जाता है,यदि सिरोही जिला उदयपुर संभाग के अधीन होगा तो मरीजों को उदयपुर में होने वाली असुविधाओं के निराकरण के लिए प्रशासनिक दृष्टि से भी पूर्ण सहयोग मिलेगा। वहीं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सिरोही जिले एवं उदयपुर जिले का वनवासी क्षेत्र परस्पर जुडा हुआ है।
पिंडवाडा, आबूरोड, कोटडा तथा गोगुन्दा एवं दोनों जिलों के गरासिया एवं गमेती भील जाति जो कि वनवासी एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर होने के कारण एवं दोनों जिलों का सांस्कृतिक जुडाव के कारण उदयपुर जिले से जुडने पर सांस्कृतिक लाभ होगा। अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति का बाहुल्य सिरेाही जिले मे बाहुल्य होने एवं आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण जोधपुर संभागीय आयुक्त के समक्ष जाना कठिन रहता है,वहीं उदयपुर नजदीक होने के काण आर्थिक भार कम होने से आवागमन भी सुलभ रहने से लाभदायी रहेगा तथा प्रशासनिक नजरिये भी यदि सिरोही जिले को उदयपुर संभाग में जोडने पर सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग में बहुत अधिक लाभ होगा।