सी.आई.टी महाविधालय में आज दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। काॅलेज के अंग्रेजी विभाग एवं राजस्थान एसोसिएशन फाॅर स्टडीज इन इग्लिश के संयुक्त तत्वाधान में यह संगोष्ठी आयोजित की गई कार्यक्रम का शुभारम्भ द्वीप प्रज्जवलन से किया गया। तदोपरान्त महाविधालय निदेशक श्री तेजस शाह ने अपना स्वागत उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान तकनिकी विश्वविधालय के उप-कुलपति श्री एन.पी कौशिक थे। इन्होने अंग्रेजी भाषा की महत्ता पर जोर देते हुये व्यवसायिक जगत में ऐसी संगेाष्ठी के आयोजन को अति आवश्यक एवं प्रशंसनीय बताया। साथ ही इन्होने ऐसी शिक्षण सामग्री के निर्माण करने की ओर संगठन को प्रेरित किया, जो कि अभियांत्रिकी के विधार्थियों के लिये उपयोगी साबित होगी।
इन्होने महाविधालय अध्यक्ष को आगे भी ऐसी संगोष्ठीयां कराने के लिये कहा। संगोष्ठी की मुख्य वाचक दिल्ली विश्वविधालय की पूर्व आचार्य एवं मुख्य संपादक इनिडयन जर्नल आॅफ इग्लिश स्टडीज प्रोफेसर सुमन बाला ने अपने वाचन में संगोष्ठी के विषय ’’कन्टेम्परी ट्रेन्ड्स इन इग्लिश लेंग्वेज एण्ड लिट्रेचर-ऐक्स्प्लोरिंग पोस्ट 2000 ए0डी0 राइटिंग’’ पर प्रकाश डाला। राजस्थान ऐसोसिऐशन फाॅर स्टडीज इन इग्लिश के वाईस प्रेसिडेंट प्रो0 हेमेन्द्र चन्डालिया ने अपनी अपनी पिछली 13 संगोष्ठी की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुये महाविधालय प्रशासन की प्रशंसाा की।
विशिष्ट अतिथि यू0आई0टी0 चेयरमैन श्री सुरेश कोठारी ने भी महाविधालय में इस संगोष्ठी आयोजन को आबू शहरवासियों के लिये एक प्रतिष्ठित कदम बताया। चंद्रावती पर काम कर चुके प्रो0 खडगवाल जो विधापीठ के पुरातत्व विभाग में कार्यरत हैं, को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी पर छः पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। महाविधालय अध्यक्ष श्री किशोर गांधी ने सभी पधारे हुये अतिथिगण को सम्बोधित करते हुये इस महाविधालय के निर्माण के उद्ेश्य पर प्रकाश डाला। अंत में श्री ऋषभ गांधी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।