30/11/2014 माउंट आबू, नक्की झील में कुछ दिनों से हजारो की तादात में रोज़ मछलिया मर रही है जिस के कारण पर्यटको एवं स्थानीय लोगो को बदबू का सामना करना पड़ रहा है, और इसके उपरोक्त बेजुबान मछलिया का जीवन खतरे में पड़ रहा है |
पिछले तीन दीनो से नगर पालिका द्वारा झील की सफाई के लिए अपनाई गई तकनीक खासे सवाल उठाती है, दो नाव, पांच कर्मचारी और 5 बड़ी छलनिया से हो रही है सफाई, इस रफ़्तार और तकनीक को देखते हुए लगता है प्रशासन इस समस्या को ज्यादा घम्भीर रूप से नहीं देख रही बल्कि सफाई कम दिखावटी ज्यादा लग रहा है, ग्राम वासियों को मान्नना है की प्रशासन को इस मुद्दे पर ढोस कदम अपनाने चाहिए एवं तकनीक को बदलने की आव्यशकता है |
झील की सफाई कर रहे नगर पालिका कर्मचारी श्री अम्बा लाल, मुकेश परिहार, राजू धनत, महेंद्र घारू एवं प्रहलाद मजियातर ने बताया की कुछ समय से आबू में ठण्ड बढ़ रही है और मछलियों की यह प्रजाति इतनी ठण्ड सहने में असमर्थ है, जिसके कारण इस प्रजाति की मछलियों की रोज़ मोत हो रही है |
इन सभी दलील एवं सफाई तकनीक के पीछे चाहे कोई भी कारण हो, लेकिन आबू वासि इससे काफी खफ्फा है, उम्मीद है प्रशासन इस मुद्दे को घम्भिरता पूर्वक लेते हुए ठोस कदम उठाये |
नक्की झील की हो रही है सफाई, तकनीक को लेकर उठे सवाल
| November 30, 2014 |