यो तो गुजरात व राजस्थान से हजारों लाखों लोग राम देवरा की पैदल यात्रा पर जाते रहे है। लेकिन महाराष्ट्र के पूना से छह हजार किलोमीटर की लम्बी पैदल यात्रा कर प्रतिवर्ष राम देवरा जाने वाले मगनभाई को केवल माउण्ट आबू में ही नहीं पूरें सिरोही जिलें में उन्हें छोटे-बड़ें लोग उन्हें पहचानते है।
कारण है कि,मगन भाई पिछले पन्द्रह वर्षों से लगातार एक माह पूर्व से अपने गृह स्थान पूना से पैदल यात्रा शुरू करते है,और महाराष्ट्र के के साथ में गुजरात व राजस्थान के धार्मिक स्थानों का दर्शन करते हुए रामदेवरा पहुंचते है। इस लम्बी यात्रा में तीन राज्यों में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालु उउनका स्वागत करते है। और वे रामदेव बाबा की शिक्षाओं व उपदेश का अपने भक्तों के मध्य में प्रचार करते है।
इस बार भी मगन भाई पन्द्रह अगस्त से अपने गृह स्थान पूना से अपनी यात्रा शुरू करके पहले मुम्बई के सिद्धी विनायक पहुंचें,जहां पर वे तीन रूकने के पश्चात् गुजरात के गढ़ गिरनार पहुंचें,(जहां पर ब्रहृमा विष्णु महेश के एकावतार दत्त भगवान का मंदिर है।)
वहां से सोमनाथ महादेव के बारह ज्योर्तिलिंगों के दर्शन करते हुए,भगवान कृष्ण के रूकमणी के विवाह स्थल,पोरबंदर,द्वारिका,भेंट द्वारिकासे माउण्ट आबू में पहुंचें। यहां से जोधपुर के रामदेवरा व उससे भी आगे वे उत्तराखंड़ के बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री,यमुनोत्री की यात्रा भी पैदल ही पूरी करेंगे।
इस यात्रा के बाद वे पश्चिम बंगाल के गंगा सागर से जगत नाथ पुरी की यात्रा करनी है।जगतनाथपुरी में भगवान कृष्ण के बाल सखा व बलराम,सुभद्रा के दर्शन के बाद,तिरूपति बालाजी से कन्या कुमारी तक की यात्रा पैदल ही पूरी करनी है। और यहीं नहीं,पैदल यात्रा पूरी होने बाद भी मगन भाई पैदल ही दुबारा पूना अपने घर पहुचेंगें। जहां पर उनकी यात्रा पूरी होगी।