अपने ऊँचे आत्मविश्वास के चलते ही दुनिया के सैकडों लोग सफलता पा सके । आत्मविश्वास की भावना ही व्यक्ति को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पर्याप्त ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मक विचार प्रदान करती है।बच्चे में आत्मविश्वास की भावना को बढाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उसके अभिभावकों की होती है । हर माँ-बाप अपने बच्चे को बहुत प्यार करते हैं लेकिन उस प्यार के साथ विश्वास,सुरक्षा,और अनुशासन का संतुलन होना भी बहुत जरुरी है ।
बचपन से ही जरुरत से ज्यादा उम्मादें – बचपन से ही बच्चों में अभिभावक अपनी उम्मीदें और सपनों को लाद देते हैं।यहांॅ से बच्चों में आत्मविश्वास घटने की शुरुआत होने लगती है । स्कूल की शुरुआत से ही बच्चें में अभिभावक उम्मीदों को थोपना शुरु कर देते हैं, वह अपनी तरफ से उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करता हैं, लेकिन यदि वह सफल नहीं हो पाता तो उसकी तुलना दूसरे बच्चों से की जाती हैं । बहुत से मांॅ-बाप अपने सपनों को बच्चों के माध्यम से पूरा करने की कोशिश करते हैं, बिना बच्चे की इच्छा और रुचि को जानें। इससे बच्चा स्वयं अपने आप को नाकाबिल और नालायक समझने लगता है और उसका आत्मविश्वास टूटने लगता हैं।
कैसे बढ़ाये बच्चे का आत्मविश्वास-अपने बच्चे को भरपूर प्यार, भरोसा करके और उसे एक सुरक्षित एवं अनुशासित वातावरण देकर आप उसके आत्मविश्वास को बढा सकते हैं । जहाँ तक संभव हो अपने बच्चे की तुलना अन्य से ना करे । अधिक से अधिक करीब बने रहने का प्रयत्न करे ।
व्यस्त माता-पिता है तो भी ऐसे में आप अपने बच्चों के साथ कितना समय बिताते है, इससे कहीं ज्यादा आवश्यक है कि आप उनके साथ कैसे समय बिताते हैं । हमेशा प्यार का अहसास कराएंॅ -अपने बच्चे को प्यार तो सभी मांॅ-बाप करते हैं, लेकिन छोटे बच्चों को बात-बात पर यह अहसास कराना भी बहुत जरुरी है कि आप उन्हें बहुत प्यार करते है। वे आपके जीवन में विशेष ध्यान रखते हैं।
लेखक
नीतूगौड
( हिन्दी अध्यापिका )
सैंट जोंस स्कूल, आबूरोड