मैं असमंजस में हूँ की कैसे शहीद रमेश जी चौधरी की शहादत पर कविता लिखू । मेरे देखते देश में रोज ही सैनिक सीमा पर शहीद हो रहे है । टेलीविजन और अखबार रोज ना जाने कितने ही रमेश चौधरी की वीर गाथाओं को गाते नहीं थकते। ऐसे में रमेश चौधरी की शहादत पर हमारा जागना वह भी सिर्फ इस लिए कु वह हमारे जिले से था बड़ा तंगदिल लगता है।
अफ़सोस है की मैं बड़ी कोशिशों के बावजूद रमेश चौधरी पर कविता लिखने की बजाय सिरोही की जनता को कोस रहा हूँ क्योंकि उसे अपनी ही माँ भारती के अन्य लालों की शहादत पर किसी दर्द का एहसास नहीं होता।
किसी भी दिन कोई आवाज नहीं उठती इंकलाब की ना जनता जनार्दन के श्री मुख से न नेताओं की ही जुबान से और ऐसा नहीं की यह हाल सिर्फ सिरोही जिले का है वरन देश के अन्य सभी स्थानों पर भी यही हाल है।
मैं सोचता हूँ की आखिर कब वो दिन आएगा जब एक भी सैनिक की कुर्बानी पर पूरा देश एक स्वर में हुंकार भरेगा। और मेरे दोस्त जिस दिन ऐसा होगा तब इन 120 करोड़ देशवासियों की आवाज ना सिर्फ भारत की सरकार को कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर देगी वरन पड़ौस में बैठे गीदड़ो को भी वह सिंह नाद आतंकित कर अपनी औकात में रहने का सन्देश देगी।
– गौरव गोयल, माउंट आबू
माँ बाप रो लाडलो दिकरो आज हिन्द री माटी रे काम आयो।
धन्य है वा माँ जणे शहीद रमेश चौधरी जेरो पुत्र रतन धन पायो।।
धन्य है नागणी गाँव री धरती जटे जन्मीयो buying best tramadol शहीद श्री रमेश।
माँ री ममता हिलोरा खावे, धन्य है वो माहरो प्यारों भारत देश।
राजस्थान री शान बढ़ाई, सिरोही जिला रे माय नागाणी गाँव।
माटी रो कण कण अमर वेग्यो जटे पड्या क्रांतिकारी शहीद रा पाँव।
तिरंगा में लिपटियो रो रमेश जब नागाणी में आपणा घर आयो।
माँ रो मान पिता री शान हिन्दुस्थान रो सम्मान वो घर ले आयो।
आज एक माँ रो लाडलो दिकरो भारत माता री गोदी में सोयो है।
जान री कुर्बानी देने वतन रा हर दुश्मन ने सबक सिखायो है।।
आज ख़ुशी रा आंसू छलके एक बुजुर्ग पिता री आँखा मा।
शहीद रमेश जेरा अमर पुत्र जनम लेवे करोड़ अने लाखा मा।।
अण धरती में जब तक सूरज रेवेला ने ओ चाँद जब तक चमकेला।
केवे कवि दिनेश्वर माली शहीद रमेश रो नाम अमर सदा रेवेला।।
– कवि दिनेश्वर माली, मुम्बई
देश धर्म पर आंच आवता, मर मिटण री हौड़ अठे
ब्याह ने अधबिच छोडीया,बे रमेश चौधरी आज अठे।
नागाणी में आज नारा लागे, वीर शहीद रा गीत अठे
देवनगरी सिरोही थारा, जुडिया नवा लेख अठे।
बितोडा वैभव याद आवै, देश प्रेम रा भाव अठे
श्री बाबुजी रा लाल थारा, गांव रोवे आज अठे।
कश्मीर घाटी में घूमर घाले, रमेश चढ़यो पहाड़ वठै
दुष्मना पर वीर झप्टियो, आज मरण त्यौहार अठे।
तेज तिरंगा रो राख्यो, वीर जवान थे वठै
आज तिरंगों वागो पैरयो, आज मर्दानों मान अठे।
दुश्मन ने ललकारण वालो, वीर रमेश आज अठे
बेल्ट गन चलावन आयो, म्हारो रमेश आज अठे।
छाती पर गोलिया खादी, सिरोही एन सी सी रा वीर थने
आज थारा यार रोहता, राख हिम्मत जबरी अठे।
सब युवाओ ने प्रेरणा दीदी, भास्कर सी चमक अठे
राखा देश रो मान में बी, दे आज आशीर्वाद अठे।
– मनोज राजपुरोहित