एक ग्रामीण विकलांग औरत के पेट से निकाली 16 किलो कि गांठ व 15 लीटर गंदा पानी
आबूरोड । पिछले दो वर्षो से अपने पेट मे 16 किलो कि गांठ लेकर बैठी सूरपगला ग्रामपंचायत के पिपरमाल कि आदिवासी महिला को आखिर चिकित्सक के रूप् में भगवान मिल ही गया।
सुरपगला ग्राम पंचायत के पिपरमाल कि पोलियो से अपने देानो पेरो कि ताकत खो चुकी एक 45 वर्षीय भूरी पत्नी रामाराम गरासीया जो कि दो वष पूर्व एक पुत्र को जन्म देने के बाद से ही पेट कि तकलीफ की गिरफत मे आ गई थी, काफी इलाज कराने के बाद भी उसकी स्थिती मे कोई सुधार नही हुआ ओर पेट मे पीडा बढती गई। राजकिय चिकित्सालय में जांच के बाद पता चला कि उसके पेट मे एक गांठ है जिसे तुरन्त आपरेशन कर बहार निकालना पडेगा लेकिन इसके लिये उसे बहार जाना पडेगा, आर्थिक स्थिती से कमजोर परिवार पर मानो दुख का पहाड टुट पडा, जेसे तेसे कुछ रूपये जमा किये ओर इलाज कराने पहुचं लेकिन प्राईवेट चिकित्सालय मे जब उन्है खर्चे के बारे मे पता चला तो उनके होस उड गये ओर वह वापस घर आ गयें। दो दिप पूर्व महिला के पेट मे अचानक दर्द उठा किसी बताये के अनुसार वह उसे आबूरोड के महावीर सर्जिकल हॉस्पीटल लेकर पहुंचे जहां पर महावीर सर्जिकल के डाक्टर एम.पी.बंसल ने उसकी अर्थिक स्थिती को नजर अंदाज करते हुये अपने पेसे का सही मायने मे मान रखते हुये महिला का तुरन्त आपरेषन कर उसके पेट से 16 किलो कि गांठ के साथ 15 लीटर गंदा पानी निकाल महिला को नया जिवन दान दिया।
चिकित्सक के रूप मे आये भगवान
महिला के पति रामाराम गरासीया व उसकी सांस ने बताया कि हमारी बहु कई दिनो से इस पिडा को सहन कर रही थी हम गरीब होने के कारण उसका इलाज नही करवा रहे थे लेकिन रोज भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कोई हमारी मदद को आये, शनिवार को उढे दर्द के बाद हम आबूरोड के महावीर हॉस्पीटल पहुंचे जहां हमे चिकित्सक एमपी बंसल, चिकित्सक अजय सिंघला, चिकित्सक नीलू बंसल, चिकित्सक गौरव मेवाडा भगवान के रूपम े मिले ओर हमारी बहु को जीवन दान मिला हम भगवान के साथ सभी का आभार व्यक्त करते है।