आबूरोड़ सीमा के नजदीक बसे बनासकांठा में एक मां का बेटे के वियोग में विलाप देखने को मिला. बेटे का जहां अंतिम संस्कार हुआ था, वहां जाकर मां सो जाती है |
कुछ दिन पहले मदर्स डे मनाया गया था इसमें कोऊ दौराहे नहीं की मां जैसा कोई नहीं, उनकी जगह कोई नहीं ले सकता. उत्तर गुजरात में बनासकांठा और सौराष्ट्र में मोरबी जिले में मातृ प्रेम के दो उत्कृष्ट उदाहरण सामने आए
मां का बेटे के वियोग में विलाप देखने को मिला. बेटे का जहां अंतिम संस्कार हुआ था, वहां जाकर मां अपने बेटे को प्यार से इस तरह से दुलार देती है जैसे आज भी मां की ममता जीवित है. जैसे बेटा अपनी मां गोद में सो रहा है, इस तरह से मां वहां पर सो जाती है. इस बारे में स्थानीय लोग और मीडिया में काफी चर्चा हुई है. गांव में रहने वाली मंगूबेन चौहान अपने मृत बेटे को याद करती हैं और हर दिन कुछ ऐसा करती हैं जिसे देखने वालों की आंखों से आंसू आ जाते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगूबेन के पति की 10 साल पहले चल बसे थे मंगूबेन के चार बच्चे हैं और उनमें से तीन विवाहित हैं |
दूसरी ओर, सौराष्ट्र के मोरबी में मंगलवार को एक वीडियो सामने आया है, जहां एक बेटा 90 वर्षीय मां को झाड़ू से पीटता है. मामला सामने आने के बाद, 90 वर्षीय बूढ़ी मां ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, ‘मेरे बेटे ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया. मेरे बेटे ने मुझे नहीं मारा! मेरे पति ने मुझे कई बार मारा, लेकिन मेरे बेटे ने कभी मुझे नहीं मारा!’
मां सो जाती है वहां, जहां उसके बेटे का अंतिम संस्कार हुआ था!