माउंट आबू (राजाशन) में एक हाई प्रोफाइल ब्लेकमेलिंग मामले मे पुलिस ने माउंट आबू के तत्कालीन थानाधिकरी सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर एक महिला सहित दो लोगो को गिरफतार किया है। अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
माउंट आबू में होटल कारोबारी को ब्लैकमेल कर करीब 30 लाख रूपए वसूली मामले की जांच के बाद पुलिस ने माउंट आबू से हटाए गए थाना प्रभारी रामचंद्रसिंह राठौड समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है तथा इस मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफतार भी कर लिया है। राजस्थान के माउण्ट आबू में 25 जून की एक घटना हर किसी की जुबान पर थी। चर्चा यह थी कि माउण्ट आबू के एक व्यवसायी को पुलिस ने एक महिला के साथ पकड़ा है। माउण्ट आबू थानाधिकारी रामचंद्रसिंह से जब इस मामले में मीडिया ने पूछा तो वह बताने से कतराते रहे।
जबकि इस दौरान महिला और व्यापारी उन्हीं की कस्टडी में थे। व्यवसायी को पूरी रात थानाधिकारी ने थाने में रखा। महिला भी वहीं थी। धीरेण्धीरे मामला खुला तो थानाधिकारी ने रोजनामचे में एक रपट डाली। इसके अनुसार नक्की झील से जोधपुर से गुमशुदा एक लडकी को दस्तियाब करने की बात लिखी। इसमें लिखा कि इस लडकी को उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। इसके बाद यह हवा उड़ी कि पुलिस ने व्यवसायी से मोटी रकम ऐंठकर लडकी को छोड़ दिया। इस मामले की हवा फैली तो पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह चैहान ने इसकी जांच करने के लिए माउण्ट आबू थानाधिकारी प्रीति कांकाणी को दी। बीच में किसी दबाव से यह जांच आगे नहीं बढ़ पाई। इस बीच पुलिस विभाग में तबादले हुए तो हवासिंह घुमरिया जोधपुर के आईजी बनकर आए। मामला उनके सामने आया तो जांच तेज करने को कहा। इसी महीने के पहले सप्ताह में प्रीती कांकाणी ने इस मामले की जांच करके आईजी को सौंपी थी।
इसके बाद 8 सितम्बर को माउण्ट आबू थानाधिकारी रामचंद्रसिंह का माउण्ट आबू से सिरोही पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया था। इस मामले में महिलाओं के माध्यम से बड़ेण्बड़े व्यापारियों को फंसाने वाला एक गिरोह काम कर रहा था। इस गिरोह का काम महिलाओं के साथ किसी बड़े व्यापारी को किसी होटल या सुनसान स्थान पर मिलवाना या बुलवाना तथा स्थानीय पुलिस की मदद से उसे पकड़वाना। बाद में फंसे व्यापारी से इज्जत के नाम पर पुलिस की मौजूदगी में मोटी रकम वसूलते थे। यही कुछ यहां पर हुआ। पुलिस अधिकारी रामचंद्रसिंह ने वहां के व्यापारी को महिला के साथ एक होटल से पकड़ा। इनके साथ महिला के परिजनों के नाम पर कुछ लोग भी थेए जो इस प्रकरण में व्यापारी से सौदेबाजी करते रहे। बताया जा रहा है कि पुलिस की मौजूदगी में यह सौदा करीब 30 लाख रुपये में तय हुआ। इस गिरोह की माउण्ट आबू में और भी लोगों को फंसाने की योजना थी।
जांच में यह सामने आया कि माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्र सिंह राठौड भी इस गंेग के सदस्यों की सहायता करते थे। यहां भी उन्होने इस गैंग के साथ मिलकर माउण्ट आबू में यही किया। थानाधिकारी के सहयोग से इन गैंग ने माउण्ट आबू के होटल व्यवसायी को अपना टारगेट बनाया। इस गैंग के निशाने पर वहां के करीब एक दर्जन से ज्यादा व्यापारी थे। इस महिला ने वहां के सूचीबद्ध व्यापारियों से व्हाट्स एप आदि से संपर्क करके प्रगाढ़ता बढ़ाने का प्रयास करती थी लेकिन कई लोग इस गोरखधंधे में फंसे नहीं। लेकिन एक होटल व्यवसायी इसमें फंस गया। पुलिस महानिरीक्षक हवासिंह घुमरिया के अनुसार इस प्रकरण में माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी रामचन्द्रसिंहए शिवानीए गोविंदराम मेघवालए मोईनुल हकए गोविंदसिंहए गोपालसिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले मंे जोधपुर के रहने वाले पत्रकार सैयद मोइनुल हक व गैंग की सदस्य शिवानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तालश जारी है। इनके पकड़ में आने से इस तरह की और भी वारदातें खुलने की संभावनाएं हैं। वही गिरफ्तार दोनो आरोपियांे को आज कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने उन्हे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौपा जहां पुलिस द्वारा कई आरोपियो से गहन पुछताछ ने कई और वारदाते खुलने का आदेंश जताया जा रहा है
वैसे इस हाईप्रोफाइल मामले में थानाधिकारी की संलिप्तता ने जिस तरह पुलिस की साख धूमिल हुईए पुलिस विभाग ने इसकी निष्पक्ष जांच करके इस दाग को धोने का भी प्रयास किया है। इस मामले में कई और लोगो के होने की संभावना जताई जा रही है अनुसंधान में और कई बडे खुलासे हो सकते है।