माउंट आबू | खेल का जीवन में क्या महत्व यह बात किसी से छुपी नहीं है वही खेल के लिये जो सबसे पहले जरुरत है वो है मैदान, आज के आधुनीक युग में मैदान को इस तरह से तैयार किया जाता है की खिलाडी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सके | जिस तरह से माउंट आबू का इतिहास सबसे पुराना है उसी तरह आबू के पोलो का इतिहास भी सुनेहरा रहा है, इस मैदान पर भारत को पहला विष्वकप दिलाने वाले कपिल देव भी खेले है तो वही हजारो खिलाडियों ने इसी मैदान से शुरुआत कर आज खल जगत में अपना नाम बनाया है |
लेकिन समय के साथ पोलो ग्राउंड सिर्फ खेल मैदान बनकर न रहा, यहा पर कभी शादी तो कभी मेले लगते रहे और सीजन में पार्किंग बनकर रह जाता है यह ग्राउंड | 2006 में जब हॉर्स पोलो माउंट आबू में खेला गया तो ग्राउंड को आम लोगो के लिए प्रतिबंधित कर दिया था वही बास्केट बॉल ग्राउंड भी तोड़ दिया गया, ग्राउंड में कभी स्थाई वॉलीबाल, बेडमिन्टन जैसे खले के कोर्ट बने ही नहीं एवं ऐसी अनेको समयस्या के हत्ते चड़ चूका है किसी भी पर्यटन स्थल पर सबसे बड़ा ग्राउंड यह पोलो का मैदान |
कल कांग्रेस पार्टी के नेता व माउंट आबू के विकास की डोर संभाल रहे रतन देवासी ने अरावली रंग मंच से खिलाडियों को संबोधित करते हुए पोलो ग्राउंड के नवीनीकरण की जानकारी साझा की | देवासी ने बताया की नगर पालिका बोर्ड व प्रशासन के अथक प्रयास से कोविड महामारी के बिच काम को प्राथमिकता देते हुए पोलो ग्राउंड के नवीनीकरण की स्वीकृति सरकार से प्राप्त की गई | वही जिस आधुनिकता से इस ग्राउंड से कायाकल्प होगा उपखंड अधिकारी डॉ रविन्द्र गोस्वामी ने इसे पोलो ग्राउंड 2.0 कहा एवं बताया की अब आने वाले समय में आबू के किसी भी खिलाडी को मैदान से जुडी कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी एवं उन्होंने आबू के खिलाडियों को नवीनीकरण के दौरान मोनिटरिंग करने के लिए आगे आने को कहा |
पोलो ग्राउंड वर्शन 2 में इनडोर बेडमिन्टन, स्विमिंग पूल होगा तो वही एथेलिटिक्स के लिये सिंथेटिक ट्रेक का निर्माण होगा, नये ग्राउंड में अंतररास्ट्रीय स्तर के मातदंड पर वॉलीबॉल, क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल आदि मैदान तेयार किये जायेंगे |
शहर के बीच्चो बीच स्थित पोलो ग्राउंड का नवीनीकरण होने के पश्चात निश्चित ही आबू को फिर से खेल के लिए पहचाना जाएगा एवं कोई संदेह नहीं की आने वाले समय में बड़े खिलाडी व लोकप्रिय टूर्नामेंट भी इ मैदान होने लगेंगे |