हादसों के दावती गड्ढे, गड्ढोस्तान बना आबू


| October 2, 2019 |  

माउंट आबू | इस खबर को आज हम देश की तरक्की व तकनिकी उपलब्धियों से आंकते हुए लिखेने | संक्षिप में देखा जाए तो कितना मुश्किल है पक्की व दुरुस्त सड़क का निर्माण करना, श्याद निर्माण कार्यो के कई आम कार्यो में से एक है सादाब बनाना लेकिन आबू की सड़को को देखा जाए तो शायद चादं पर जाने से भी मुश्किल है यह कार्य |

राजस्थान का एक मात्र जी हा एक मात्र पर्यटन स्थल माउंट आबू, जो की प्रकर्ति से भी सबसे सुन्दर झाँकियो में से एक है उसकी सडको की हालत इतनी गई गुजरी है की कोसते कोसते शब्द कम पद जाये लेकिन गुस्सा कम ना हो |

इन सबके के उपरान्त, कई जान लेवा हादसों के उपरान्त, कई वाहनों के क्षत्रिग्रस्त होने के बावजूद सड़क पर कोई ध्यान नहीं, बड़े आशचर्य की बात है की हमें यह खबर लिखनी पड रही है क्यूंकि यह मुद्दा तो सबसे के सामने है क्यूंकि ऐसा तो नहीं है की प्रशासन व जन प्रतिनिधि कीसी और सड़क का इस्तमाल करते है इसलिए उनके सड़क की दुर्दशा का ज्ञात नहीं |

सभी मुश्किले कांच की तरह पारदर्शी है उसके बावजूद अभी तक, सरकारे व प्रशासन अगर जनता को एक पक्की सड़क देने में नाकाम है, तो सड़क की इस दुर्दशा के ज़िम्मेदारानो के लिए शायद यह कहना गलत नहीं होगा की वह भी यही मानते है “अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता” |

 

 

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