माउंट आबू में आज पर्यटन उद्योग जिस मंदी के दोर से गुज़र रहा, शायद किसी भी होटल, रेस्टोरेंट या अन्य पर्यटन उद्योग के व्यापारी ने कभी सोचा होगा, रोजाना करोड़ का हो रहा है नुक्सान |
जिस तरह रीड की हड्डी टूटने से इंसान का जीवन बदहाल हो जाता है, उसी प्रकार आज जब आबू की रीड की हड्डी, पयर्टक क्षतिग्रस्त सड़क के कारण ऊपर नहीं आ पा रहे तो मानो की जैसे आबू पर्यटन उद्योग की रीड की हड्डी टूट गई है |
सबक सीखे और पर्यटक का करे सम्मान
पर्यटन स्थल पर आम तोर पर भाव तेज़ रहते है, और इन तेज़ भाव के कई स्वाभाविक कारण होते है, लेकिन कहते है हर चीज़ एक सीमा तक अच्छी होती है सीमा लांघने से हरण ही होता है, समय के साथ आबू में हर चीज़ के भाव यु बढ़ रहे है जैसे कोमेडी नाइट्स विथ कपिल की लोक प्रियता |
पर्यटन उद्योग को एक सीमा तय करनी होगी, पर्यटन विभाग को नियम बनाने होंगे, प्रशासन को कानून बनाना होगा |
राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में भारी बारिश के दौरान आबूरोड मार्ग पर चट्टानें गिरने सड़क टूटने से पिछले छह दिनों से संपर्क कटा हुआ है। जानकारों के मुताबिक माउंटआबू को पिछले छह दिनों में लगभग 35 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। ऐसे में अगर राज्य सरकार या केंद्र की तरफ से कोई बजट नहीं मिला तो यहां का पर्यटन उद्योग कभी पटरी पर नहीं आ पाएगा।
माउंट में पर्यटक नहीं आने से रोजाना स्थानीय व्यवसाय समेत पालिका को करोडो करोड़ का नुकसान हो रहा है।
माउंटआबू में रोजाना पर्यटकों से करीब 7 करोड़ की आय होती है। क्योंकि एक परिवार यहां करीब 15 से 20 हजार रुपए खर्च करता है। हर साल करीब 22 लाख पर्यटक आते हैं माउंटआबू में, इस नुकसान से ठीक पहले तीन दिन के दौरान 20 हजार पर्यटक मौजूद थे। माउंटआबू में हर साल 30 से 35 लाख सैलानी आते है।
नक्की लेक मार्केट में एक भी दुकान नहीं खुली है। इसके साथ ही तमाम होटल, भोजनालय, रेस्टोरेंट अन्य दुकानें भी बंद ही हैं। इनके संचालक कर्मचारी बिना काम के बैठे हैं। काम करनेवाले लोग जो सिरोही और उसके आसपास के गांव के थे सभी आबू रोड चले गए है। अब यह तय नहीं है कि यह लोग कब ऊपर आएंगे। क्योंकि माउंटआबू में हालात कब तक सामान्य होंगे इसके बारे में प्रशासन साफ तौर पर कुछ भी नहीं कह रहा है।
सीजन के समय आन पड़ी मंदी
साथ ही अगले चार माह माउंटआबू में जोरदार सीजन के हैं। यहां अगस्त से सीजन शुरु होता है और दीपावली पर नवंबर तक सीजन चलता है। इसके बाद न्यू ईयर भी सीजन का पीक टाइम होता है। 15 अगस्त को इस बार पर्यटकों को जोरदार बुकिंग थी। क्योंकि 17 अगस्त को एक छुट्टी लेने से पूरे चार दिन की छुट्टी का अवसर आता है। सितंबर में दो बार चार चार दिन की लगातार छुट्टियों के कारण यहां पर्यटकों की ज्यादा संख्या आने की उम्मीद थी। वैसे इसी माह रक्षाबंधन जन्माष्टमी के कारण फूल सीजन रहता है। नवंबर माह में केवल 12 तारीख की छुट्टी लेने से पूरे दो सप्ताह की छुट्टियों का प्लान बन रहा है। इसके साथ ही दीपावली लाभ पंचमी के कारण पहले से ही यहां जोरदार सीजन तय है।
एनडीआरएफ की चार टीमों क्या अभी तक रस्ते में ही है
माउंटआबू की व्यवस्था कब पटरी पर आएगी कहना मुश्किल है। एनडीआरएफ की चार टीमों भेजना का ऐलान जरूर हुआ था लेकिन वह टीमें अभी यहां पहुंची नहीं है। इस काम को आर्मी लोगों के सहयोग से पूरा कर सकती है लेकिन राज्य और केंद्र सरकार का उदासीन रवैया है। जवानों का कहना है कि सड़कों को दुरुस्त किया जा सकता है लेकिन संसाधन अभी तक यहां पहुचे नहीं है। शहर में 70 फीसदी इलाकों मे तो बिजली आ गई है लेकिन ओरिया और अचलगढ़ में बिजली बहाली में वक्त लगेगा।
माउंटआबू में सन्नाटा पसरा है। क्योंकि यहां सैलानी भारी बारिश और उससे हुई तबाही की वजह से जा चुके है और कोई भी सैलानी फिलहाल यहां का रुख नहीं कर रहे है। क्योंकि यहां का हर व्यवसाय पर्यटन से है और जब पर्यटक ही नही है तो व्यवसाय कहां से होगा। नागरिकों और होटल व्यवसायियों में इस बात को लेकर निराशा है। नक्की लेक , सदर बाजार , गुरुशिखर , दिलवाड़ा जैन मंदिर हर तरफ सन्नाटा पसरा है।
जिला प्रमुख एवं विधायक ने आज आबू का दोरा किया
जिला प्रमुख पायल परसराम पुरिया और विधायक समाराम गरासिया आज आबू पहुंचे, और आबू की सड़क व्यवस्था एवं अन्य नाज़ुक अवस्था में पड़ी सेवाओ का जायजा लिया, खबर है विधायक जी ने आबू के हालात देखने और उपखंड अधिकारी से बातचीत के पश्चात मुख्यमंत्री राहत कोष
से तुरन्त बात कर 3 करोड़ की मांग की है, देखने की बात है होगी, मुख्यमंत्री राहत कोष कितने समय में आबू को मिलता है, मोजुदा हालत बहुत नाज़ुक है, सरकार की और से ढील से आबू को हो सकता है करोडो का नुक्सान |
Written by: AT Admin, News Leads: Anil Areean, Narpat Charan, Rinku Agarwal, Arjun Nath, Rohit Agarwal, Ghanshyam Goyal, Hardik Agarwal.