माउंट आबू| नक्की लेक पर हाल ही में शुरू हुई टॉय ट्रेन के संचालन से तो पहले ही नक्की मार्केट,समेत शहर भर में आक्रोश व्याप्त था। लेकिन उसी तीव्र आक्रोश की बानगी बुधवार को नगर पालिका के पुस्तकालय भवन में पालिका की उपाध्यक्षा अर्चना दवे के अध्यक्षता में आहूत बैठक में भी दिखाई दी।
गौरतलब है कि,बुधवार को नगर पालिका में सोमवार को माउंट आबू के 20 में से 18 पार्षदों के दवारा पट्टे नहीं दिए जाने के सम्बन्ध में दिए गए धरने को लेकर के यह आपात बैठक आहूत की गई थी ।
बैठक के शुरू होते ही पालिका के नेता प्रतिपक नारायण सिंह, पार्षद सुनील आचार्य, भरत लालवानी,मांगीलाल काबरा के साथ अधिकांश पार्षदों ने सामूहिक रूप में यह मांग की जब नगर पालिका की नक्की लेक पर एक छोटी सी दुकान ही 18 से 20 लाख रुपए नीलामी की बोली में प्रति वर्ष जा सकती है,तो यह टॉय ट्रेन को नक्की लेक पर आधे से अधिक राउंड पर मात्र 50 हजार रूपए की कीमत पर कैसे दिया जा सकता है।
इस मामले में पूर्व ज़िला कलक्टर के दवारा भारी भ्रष्टाचार हुआ है । और बोर्ड का यह खुलम-खुला आरोप है कि,इस मामले में ज़िला प्रशासन के अधिकारियो ने भी मिलकर के मोटी रकम लेकर के यह अनुमति स्वयं के स्तर पर जारी की है। जो कि इको सेन्सिटिव जॉन के सबसे प्रभावित क्षेत्र एवम् नो कॉन्सट्रक्शन जॉन में आता है । साथ यह ट्रेन शाम को नक्की लेक पर पैदल वॉक करने आने वाले बुजुर्गो,महिला-पुरुषो के लिए भी परेशानी का सबब बन रही है ।
ए सी डी में इस मामले की करवाई जायेगी ऍफ़ आई आर ।
नक्की लेक के परिक्रमा पथ पर शाम के समय में गणेश मन्दिर की और जाने के लिए वैसे ही सैलानियों के वाहनों को तो ट्रैफिक कंट्रोल के नाम पर रोका जाता है । जो सैलानी हजारो रुपए खर्च कर यहाँ पर घूमने आते है,और पालिका को लाखों रुपयो का राजस्व देते है। उनकी बेकद्री कर ज़िला प्रशासन एक निजी फर्म को मामूली कीमत पर व्यवसायिक गतिविधि के लिए टॉय ट्रेन,पूरा नक्की लेक का एक बगीचा,एक से अधिक रेस्टोरेन्ट, व दुकान आधी देकर के मनमाना मुनाफा कमाने की छुट दे रहा है । जबकि आबू के मूल निवासी आज भी फुटफाथ के लिए संघर्ष कर रहे है ।
अवैध निर्माण के लिए बेची जा रही निर्माण सामग्री पर भी हुआ जमकर हंगामा ।
माउंट आबू में इन दिनों अवैध् निर्माण कार्य के लिए ईट,बजरी,कंक्रीट,व् सीमेन्ट,सरिया बहुत ऊँचे दामो पर बेचा जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर भी पार्षद सुनील आचार्य,मांगीलाल काबरा,समेत अन्य महिला पार्षदों ने जमकर हंगामा करते हुए अपना रोष व्यक्त किया पार्षदों का यह सामूहिक रूप से आरोप था कि,असल में इसके लिए सरकारी कार्य के लिए उपयोग में ली जाने वाली निर्माण सामग्री को ठेकेदारों के मार्फ़त ही सरकारी टोकन से माउंट आबू के ला कर के उँचे दामो पर बेचा जा रही है।
बकायदा इसके लिए ठेकेदारों का एक गिरोह मिलकर के इस कार्य को अंजाम दे रहा है । जो सुबह से शाम तक सरकारी टोकन पर कई गुना अधिक सामग्री माउंट आबू में ला रहा है । वर्ना तो क्या कारण हो सकते है कि,एक आम आदमी एक बोरी बजरी नहीं ला पाएं, और अवैध रूप से महँगे दामो पर सबकुछ सुलभ हो जाएं। प्रश्न इस पर भी उठा कि, आखिर उप खण्ड अधिकारी कैसे पालिका के कार्यो में दखलअंन्दाजी कर सकता है ।
इसी क्रम में पार्षद भगवाना राम ने नाके के सी सी टी वी कैमरे चालू करने की बात करते हुए कहा कि,इस भ्र्ष्टाचार को पनपाने के लिए ही इन कैमरों को अभी तक बंद किया हुआ है ।
पार्षद सुनील आचार्य ने पोलो ग्राउंड में सरकारी संस्थाओ को छोड़कर अन्य को व्यवसायिक कार्य के लिए मैदान देने पर भी आपत्ति कि, आखिर किन नियम कायदों की आड़ में इस प्रकार की अनुमति जरी की जा रही है ।
अंत में सभी लोगो को पट्टे जरी करने पर पार्षद मांगी लाल काबरा ने बताया कि,प्रशासन शहरों के संग अभियान को वर्तमान राज्य सरकार ने भी जारी रखा था । मुख्य मंत्री के दवारा इस अभियान को 31 मार्च 2014 तक शिविर लगाकर के पट्टे जरी किए गए थे। इसी क्रम में माउंट आबू में भी राज्य सरकार से एक प्रतिनिधि मंडल मिलकर के मार्ग दर्शन ले लेवे । और प्राप्त दिशा निर्देशो पर शहरवासियो को पट्टे दिए जाएं। बाकायदा इसके लिए एक प्रतिनिधि मंडल के जयपुर जाकर बातचीत करने पर सहमति बनी ।
बैठक में पार्षद भारत लालवानी,नेता प्रतिपश नारायण सिंह,चौथा राम,भगवाना राम,राधा राणा,कस्तूरी कंवर,इंद्रा कुंवर,मंजू परमार, विमला देवी, मनोनीत पार्षद दान सिंह परमार,हेमराज माली,जगदीश,देवीलाल, समेत अन्य पार्षद व् पालिका के कार्मिक उपस्थित थे ।