बायलॉज से सरककर “कमीशन” के सस्पेन्स पर अटक गई पालिका बोर्ड की बैठक।
माउंट आबू| नगर पालिका पुस्तकालय में बुधवार को आयोजित नगर पालिका सदस्यों की बैठक मंडल के सदस्यों के हंगामें की भेंट चढ़कर अंततः “बायपास” यानि बरखास्त हो गई।
ठीक 20-20 स्टायल में बायलॉज के मुख्य विषय को लेकर शुरू हुई इस बैठक में सबसे पहले बायलॉज को लेकर ही उत्पन्न विसंगतियो की चर्चा आरम्भ हुई । पालिका पार्षद सुनील आचार्य ने विस्तारपूर्वक बायलॉज की खामियों पर सदन का ध्यान आकर्षित किया। और इन सभी विसंगतियो-खामियों को दूर करने के सुझाव प्रस्तुत किए।
यहाँ तक सबकुछ ठीक था।……..बस इस के बाद ही मुख्य विषय यानि बायलॉज कब बायपास हुआ । इसकी भनक सदन को भी नहीं महसूस हुई । और बाद में तो फिर यह विषय के अलावा सीवरेज के लिए आर यू आई डी पी के माधयम से आने वाले 100 करोड़ की बात जोर-शोर से चर्चा में आ गई | बस यही से ही बाकि के अन्य विषय भी कब पीछे से आए और बस आते ही गए।
पार्षद विकास अग्रवाल ने माउंट आबू में नक्की लेक,चाचा म्यूजियम,रोटरी सर्किल,अर्बुदा सर्किल, समेत अन्य स्थानों पर फ्री वाय-फाय करने का सुझाव दिया। बाद में तो महिला शक्ति ने अपने तीव्र आक्रोश के साथ में सदन की बैठक को शोर-गुल से गुंजायमान कर दिया। लेकिन महिला शक्ति की पूरी ब्रिग्रेड के दवारा सामूहिक रूप से उठाए गए ” कमीशन” के मुद्दे ने इस बैठक को रुणक्षेत्र बना दिया। तेजी से आरोप-प्रत्यारोप की ऐसी बौछार हुई कि,,, आखिर किसने माँगा “कमीशन” किसने बोला “कमीशन” किसने किसको दिया या किसने किस से लिया “कमीशन” वाली धुआंधार पारी खेलकर मैच का समापन हो गया यह कोई नहीं बुझ पाया ।
यानी मैराथन के रूप में आज सुबह से शाम तक आयोजित होने वाली बैठकें इस बुधवार की बैठक के आगे कब धौनी स्टायल में बौनी हो गई । इस का अंदाजा तो सम्भवतया किसी को नहीं था। वैसे इस बैठक का सबसे उतेजना वाला क्षण बायलॉज से सरककर “कमीशन” पर कब और कितनी जल्दी आ गया और पुरे बारूद से भरी महिला शक्ति ने अपने एकता का परिचय देते हुए कुछ अनकहे संकेत अवश्य दे दिए है कि माउंट आबू को आज वास्तव आमजन के विकास से सरोकार है।