कोरोना को अपनी कविताओ में बांधा: अर्चना मिश्रा


| April 24, 2020 |  

corona warriors

“अपनी ज़िम्मेदारी निभाओना”
ट्रैवल हिस्ट्री छुपाओगे, तो कोरोना को बढ़ाओगे
इंडिया तक पहुंचा कोरोना, ट्रैवल हिस्ट्री छुपाओना |

प्रधानमंत्री ने लौक्डाउन किया, सभी लोग अपनी ज़िम्मेदारी निभाओना
घर से बाहर निकलो ना, इस्स बिमारी को और बढ़ाओ ना |

ये है एक चेन रिएक्शन, इस चेन रिएक्शन को तुड़वाओ ना
क्या देशी और क्या विदेशी, सभी का पलायन रोकोना AbuTimes|

कुछ दिन की ही तो बात है, तुम खुद को कैद मे रख लोना
कोरोना को प्लीज रोकोना, डॉक्टर लगे है सेवा में, |
पुलिस नर्स भी पीछे ना, सरकार हमारी हाथ जोड़े
कर रही है प्रार्थना, लोगों कृपया घर के बाहर निकलो ना ||

अब तो हो जाओ, सेन्सिबल और रेस्पोंसीबल
इस बीमारी को मज़ाक मे मत लेना मामला बहुत ही गम्भीर है

इस गम्भीरता को समझोना कम्युनिटी स्प्रेड अगर हो गया तो सभी को निगल जाएगा

ये कोरोना बाद में सिर्फ पछताओगे और रह जाएगा सिर्फ रोना धोना AbuTimes।।
– –

“कोरोना के योद्धा”
तेरे जज्बे को सलाम, तेरी हिम्मत को नमन
हे कोरोना के योद्धा, तुझे ताकत दे भगवान 

घर छोड ड्यूटी करे, खुद के जान की
परवाह तक ना करे, घर आये

तो भी अपने बच्चे को छूने से डरे, आसान नही ये सब करना
पर तुने सीखा नही है डरना, दिल से तुझे दुआ दे हम

तेरे हौसले में रहे दम, तू हारे नही, तेरी जीत हो हर कदम
तुझमे साहस रहे हरदम, तू एक माँ है, बहन है और बेटी है

तू एक पिता भाई और बेटा है, तुझपर है भरपूर ज़िम्मेदारी
पर तू इन सबसे उठकर, करे अपनी भारत माँ की पहरेदारी
तू डरना नहीं,तू हारना नहीं, तू रखना अपना भी खयाल
पहन के रखना मास्क हरदम, तेरे दिल मे हो ना कोई मलाल

तुझपे नाज़ है हर किसी को, तू ताज है अपनी भारत माँ का
तेरे लिये मन गर्वित है, तू अगर बाहर तैनात है
तो हम घर मे जीवित हैAbuTimes

हे कोरोना के योद्धा, तेरा युद्ध नही है छोटा
तू जीतेगा ज़रूर, ये मेरा मन है कहता।।
– –

“संक्रमण के दौर में साजिश”

वो संक्रमण के दौर मे भी, साजिश कर बैठे
बात क्या करें हम उनकी, वो अपनी असलियत दिखा बैठे

जब हर कोई परेशान है,वो आक्रमण कर बैठे
वाह रे इन्सान ,तुझे बनाया है इश्वर ने, बहुत ही फुर्सत में

तूने तो डरना ही छोड दिया, अपनो के ही खिलाफ
साजिश रचता चला गया, तूने जो छेड़ा है ये दंगल

तुझे भी अवश्य मिलेगा इसका फल, आज हर कोई डरा हुआ है
वायरस के संक्रमण से, पर उस वायरस का तो क्या करे

जिसने बना लिया तेरे अंदर घर है, तू भूल गया, जो दिखते आज तेरे है
वो तुझसे भी ज़्यादा रह्नुमा थे मेरे, आज दौर है संक्रमण का

कम से कम अभी तो साजिश मत कर, खौफ कर उस वायरस का और तू भी उससे डर
माना बुद्धि छोटी है तेरी और दिमाग पहले से ही संक्रमित
कोई क्या समझाएगा तुझे, तू हो चुका है काफी पतित।।
– –

“नेचर के आगे हम सब विवश”

प्रकृति को रोन्धा, प्रकृति का किया विनाश
प्रकृति से लिया, सिर्फ लिया, और कर दिया उसका सर्वनाश

हे मनुष्य,तुझे हो चला था खुद पर घुमान, तू ये मान चुका था, तू ही है सर्व शक्तिमान
नित नये प्रयोग,नित नये नियम, नित नयी बातें पर सब कुछ प्रकृति के विरुद्ध

आज से लगभग 15-20 वर्ष पुर्व से, प्रकृति तुझे लगी थी चेताने
कभी तूफान,कभी बाढ़, कभी महामारी

तो कभी भूस्खलन,तो कभी जंगलों का जलना
और कभी फैलती हुई चिन्गारी

किस किस तरह से प्रकृति ने तुझे जगाने की कोशिश की
पर हे मानव ,तू ना जागा ,तू ना चेताAbuTimes

तू अपने ही दंभ में भरा हुआ
मनमानी करता गया, तू बच्चा है, तू कच्चा है

तू कुछ नहीं कर सकता ,तू हो जाएगा लाचार
आज स्तिथि बडी भयावह है,चारों ओर कोरोना का खतरा है

ये महामारी, हम माने या ना माने,हमारी ही देन है
प्रकृति हमे लौटा रही है,सबकुछ इस रूप मेंAbuTimes

जो हमने उसे दिया,वापस हमे लेना पडेगा
आज हम सब विवश है, हम सब लाचार है

ये कोरोना नही, प्रकृति का व्यव्हार है,प्रकृति का व्यव्हार है ।।
– –

“तेरे जज़्बे को सलाम”
अभी तक सुना ,अभी तक देखा
पुलिस कभी वक्त पर नही पहुँचती
पुलिस बड़ी ही भृष्ट है ।

डॉक्टरों की अगर बात करें
तो उन्हे भी प्रोफ़ेशनल कहा गया

पर आज के परिवेश में
कोविड-19 के खेल में
जब देख रहे है पुलिस को
जब सुन रहे है डॉक्टरों को

है देश के असली हीरो, तेरे जज़्बे को सलाम है
तेरा परिवार है घर पर, तू उन्हे अकेला छोड कर
जान की परवाह किये बगैर, डटा हुआ है सेवा में

आज कोविड -19 ने मचाया हाहाकार है, पर मेरे मन में तो तुम लोगो
के लिये हो रही जय जयकार है, तू मानवता की सेवा कर रहा
तेरे जज़्बे को सलाम है।।
– –

“कौन नही चाहता,कोरोना पर जीत”
पिछले दो दिन से मन थोडा उदास है, हम लड़ रहे थे कोरोना से
और नियन्त्रण मे थी सभी चीज़े, पर कुछ असामाजिक तत्वों ने

मचा दिया कोहराम है, वो चाह रहे है, ये संक्रमण फैले ,खूब फैले
लगता है वो नमक हराम है, नमक हराम है ।AbuTimes

क्यूं है वो लोग इसस देश में, जो इस देश के ही गुनहगार है
इन लोगों का व्यव्हार ज़हरीला, इन्हे खुद के कर्मों से नही है कोई गिला

वो थूक रहे हैं,हमारी नर्सों पर, वो फेक रहे है पत्थर उनपर
वो लोग बड़े ही बदतर है, और फैला रहे सामुदायिक संक्रमण है ।
क्या ये देश के दुश्मन है ?

हां, लगता है,सही मायने में यही देअह के दुश्मन है ।
जो बना रहे, भारत की कोरोना के खिलाफ, जीत को असम्भव हैंAbuTimes ।।

– अर्चना मिश्रा, सेंट जॉन्स स्कूल

 

 

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